भारत बना पीपीई मैन्युफैक्चरिंग में दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा हब, विदेशों में बढ़ी पीपीई किट की डिमांड

(प्रतीकात्मक चित्र)

कोरोना काल में भारत अब दुनियाभर में पीपीई किट का दूसरा सबसे बड़ा विनिर्माता यानी मैन्युफैक्चरर बन गया है। इस बात की जानकारी गुरुवार (21मई,20) को सरकार द्वारा दी गई।

कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर में पिछले दो महीनें में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE) किट की माँग तेजी से बढ़ी है। जिसको देखते हुए भारत ने इसके प्रोडक्शन में इतनी तेज़ी से काम किया कि आज भारत दुनिया में चीन के बाद पीपीई किट बनाने वाला दूसरा देश बन गया है।

पहले इस किट के लिए भारत चीन और अमेरिका पर निर्भर रहता आया है। और अभी हाल ही में चीन द्वारा भेजे गए खराब क्वालिटी के पीपीई किट की वज़ह से भारत को काफ़ी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा था। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन से मिली मंजूरी के बाद भारत में अब किट तैयार की जाने लगी हैं।

सिर्फ़ दो महीने के भीतर ही भारत पीपीई किट बनाने में इतना काबिल हो गया है कि अब विदेशों में भी इसकी डिमांड आए दिन बढ़ती चली जा रही है। यहाँ तक कि कई एयरलाइंस कंपनियों से भारत को बड़े ऑर्डर हासिल हुए हैं।

मौजूदा समय में भारत में 106 मैन्युफैक्चरर पीपीई किट बनाने का काम कर रहे हैं। ये पीपीई किट किसी और देश के मुकाबले में कम लागत पर और बेहतरीन क्वालिटी के बनाए जा रहे हैं।

कपड़ा मंत्रालय द्वारा जारी बयान

कपड़ा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसने पीपीई की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में सुधार करने के लिए कई कदम उठाए हैं। यही कारण है कि भारत दो महीने से भी कम समय में पीपीई का दूसरा सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरर बन गया है। मंत्रालय ने यह सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाए हैं कि पूरी आपूर्ति श्रृंखला में केवल प्रमाणित कम्पनियाँ ही पीपीई की आपूर्ति करें। अब कपड़ा समिति, मुंबई भी स्वास्थ्य कर्मचारियों और अन्य अन्य कोविड-19 योद्धाओं के लिए आवश्यक पीपीई की टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन करेगी।

प्रधानमंत्री द्वारा पहले ही दी गई थी जानकारी

भारत में कोरोना संकट से पहले एक भी पीपीई किट और एन-95 मास्क नहीं बनता था, लेकिन अब हर दिन दो लाख पीपीई किट और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं। ये जानकारी प्रधानमंत्री मोदी ने लॉकडाउन के दौरान 12 मई को देश के नाम संबोधन करते हुए साझा किया था।

पीपीई किट की कमी के कारण देश में काफ़ी राजनीति हुई थी। विपक्षी दलों और खासकर कॉन्ग्रेस ने कई बार पीपीई किट की कमी का मुद्दा उठाकर सरकार पर निशाना साधा था और इसे सरकार की नाकामयाबी भी बताया था। लेकिन अब इन सारी राजनीति पर पानी फिर गया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया