गुजरात के वडोदरा शहर की पुलिस ने धर्मांतरण रैकेट की जाँच के सिलसिले में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा पहले गिरफ्तार किए गए आरोपितों (सलाहुद्दीन और उमर गौतम) के बारे में बड़ा खुलासा किया है। दोनों आरोपितों के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने सलाहुद्दीन और उमर गौतम के खिलाफ आईपीसी की धारा 153-A, 465, और 120-b के अंतर्गत केस दर्ज किया है।
Gujarat | FIR registered under several sections of IPC against 2 accused earlier arrested in an alleged anti-conversion racket. In last 5 yrs, accused received Rs 60cr through hawala apart from Rs 19 crore by foreign donations: Vadodara Police Commissioner Shamsher Singh (27.08) pic.twitter.com/nDhLwQvBV8
— ANI (@ANI) August 27, 2021
वडोदरा पुलिस कमिश्नर शमशेर सिंह ने बताया कि पिछले 5 सालों में आरोपितों को हवाला के जरिए 60 करोड़ के साथ-साथ विदेशी चंदे से 19 करोड़ रुपए मिले हैं। सिंह ने बताया कि हवाला फंड दुबई के रास्ते आता था। आरोपितों को एक ट्रस्ट के जरिए यूके, यूएस और यूएई से विदेशी चंदा भी मिलता था। उन्होंने बताया कि आरोपितों ने 5 राज्यों में 103 मस्जिदों का निर्माण भी करवाया है। इसके अलावा सरकार विरोधी प्रदर्शन के लिए भी हवाला फंडिंग का इस्तेमाल किया गया है और इन आरोपितों का जम्मू-कश्मीर से भी संबंध हैं।
Hawala funds used to come via Dubai. They (accused) also received foreign donations from UK, USA & UAE via a trust. Accused also got 103 mosques built in 5 states. They also used hawala funding for anti-govt protests and have connections in J&K also: Shamsher Singh, CP, Vadodara
— ANI (@ANI) August 28, 2021
पुलिस के अनुसार, दोनों आरोपित – मोहम्मद उमर गौतम और सलाहुद्दीन शेख – फिलहाल लखनऊ जेल में बंद हैं और वडोदरा पुलिस की टीम एक स्थानीय अदालत द्वारा जारी पेशी वारंट के साथ वहाँ पहुँची थी। दिल्ली निवासी उमर गौतम को जून में यूपी आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने धोखे से लोगों को इस्लाम में परिवर्तित करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
वहीं शेख को यूपी एटीएस ने पिछले महीने वडोदरा के पानीगेट इलाके से गिरफ्तार किया था। उसने कथित तौर पर गौतम और अन्य को अवैध धर्मांतरण के लिए धन मुहैया कराया था। मामले की आगे की जाँच करने के लिए वडोदरा पुलिस द्वारा पाँच सदस्यीय विशेष जाँच दल (SIT) का भी गठन किया गया था।
पिछले दिनों यूपी और गुजरात ATS की जाँच में पता चला था कि सामाजिक सेवा के नाम पर सलाउद्दीन की संस्था AFMI (अमेरिकन फेडरेशन ऑफ मुस्लिम्स ऑफ इंडियन ओरिजिन) विदेशों से फंड इकट्ठा करने का काम करती थी। इस संस्था को पिछले 5 सालों में मिले लगभग 24.48 करोड़ रुपए में से 19.03 करोड़ रुपए ट्रस्ट के FCRA खाते में आई थी, जबकि बाकी राशि हवाला के माध्यम से प्राप्त हुई थी।
बुधवार (25 अगस्त 2021) को वडोदरा पुलिस ने बताया था कि AFMI ट्रस्ट द्वारा इकट्ठा किए गए फंड में से सलाउद्दीन ने लगभग 5.91 करोड़ रुपए मौलाना उमर गौतम और अन्य सहयोगियों को गैर-मुस्लिमों के इस्लामी धर्मांतरण और गुजरात समेत अन्य राज्यों में मस्जिदों के निर्माण के उद्देश्य से दिए थे। यह फंड उमर गौतम की संस्था इस्लामिक दावा सेंटर (IDC) को दिया गया था।