गुजरात के खंभात में भी देश के अन्य हिस्सों की तरह ही 10 अप्रैल 2022 को रामनवमी के दौरान हिंदुओं द्वारा निकाले गए जुलूस में कट्टरपंथी मुस्लिमों ने हिंसा फैलाई, पत्थरबाजी की। इस पत्थरबाजी में एक बुजुर्ग की मौत हो गई। इसमें तीन मौलवियों की भूमिका सामने आई है। पुलिस ने मामले में तीनों मौलवियों सहित 9 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। बाकियों की तलाश की जा रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, हिंसा के मामलों में पुलिस ने खंभात जिले में दो और हिम्मतनगर में तीन एफआईआर दर्ज की गई है। खंभात में 65 लोगों और हिम्मतनगर में 850 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इसके साथ ही हिम्मतनगर की दो कंपनियों को तैनात किया गया है। रेंज के आईजी अभय चुडास्मा ने कहा कि हिम्मतनगर ए डिवीजन में 700 और बी डिवीजन में 150 दंगाइयों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इसके अलावा 30 से अधिक आरोपितों को राउंडअप किया गया है।
क्या हुआ था खंभात में
रविवार को खंभात के शंकरपुरा में रामनवमी के मौके पर हिंदुओं की ओर से जुलूस निकाला गया, जिसमें करीब 3000 लोग शामिल थे। शंकरपुरा से चले इस जुलूस को चितरी बाजार, पीठ बाजार और मंडई चौकी से गुजरना था, लेकिन जैसे ही ये जुलूस शुरू हुआ। बबूल के खेतों में पहले से घात लगाए बैठे इस्लामी दंगाइयों ने पथराव शुरू कर दिया। अचानक पत्थर बरसता देख लोग घबरा गए और वहाँ भगदड़ मच गई। दोनों ओर से पत्थरबाजी भी की गई।
मौका अनुकूल देख दंगाइयों ने छगडोल मैदान और सरदार टावर में कई लारियों और दुकानों में आग लगा दी। इसके साथ ही एक घर में भी आग लगा दी गई। पुलिस ने दंगाइयों को कंट्रोल करने के लिए बल प्रयोग किया, जिसमें 15 पुलिस के जवान भी घायल हो गए।
किराए के दंगाई बुलाए गए
सांप्रदायिक हिंसा फैलाने की साजिश रचने वाले मौलवियों ने अपनी नापाक साजिश को अंजाम देने के लिए खंभात के बाहर से दंगाइयों को बुलाया था, ताकि उनकी पहचान न हो सके।