इस्लामी भीड़ ने 31 जुलाई 2023 को हरियाणा के मेवात के नूहं में हिंदुओं की जलाभिषेक यात्रा पर हमला किया। घंटों हिंदू श्रद्धालु बंधक जैसी स्थिति में फँसे रहे। मंदिर पर फायरिंग की गई। पत्थरबाजी और आगजनी हुई। हिंसा के सुनियोजित होने और कई दिनों से इसकी तैयारी चलने की बात सामने आने के बाद से इस्लामवादी ‘मुस्लिम विक्टिम’ वाला नैरेटिव गढ़ने के लिए सोशल मीडिया में फर्जी दावों के साथ उतर आए हैं।
इस्लामवादियों ने पहला फेक दावा मोनू मानेसर को लेकर किया। ऑपइंडिया ने फैक्टचेक कर बताया है कि मोनू मानेसर का जो वीडियो शेयर किया जा रहा है, वह पिछले साल का है और वह 31 जुलाई को जलाभिषेक यात्रा में मौजूद नहीं था। इसके बाद दूसरा दावा गुरुग्राम की एक मस्जिद को कथित तौर पर जलाने और इमाम की हत्या को लेकर किया जा रहा है। इस कथित मस्जिद के निर्माण पर अदालती रोक लगी हुई है। कई सोशल मीडिया अकाउंट इस घटना के लिए अमित हिंदू और प्रवीण हिंदुस्तानी को जिम्मेदार बता रहे हैं।
इस्लामी नाम वाले हैंडलों से आरोपित किए जा रहे इन दोनों व्यक्तियों से ऑपइंडिया ने संपर्क किया। ऑपइंडिया से बात करते हुए अमित हिंदू ने बताया कि वे और प्रवीण हिंदुस्तानी उस जलाभिषेक यात्रा में शामिल थे, जिस पर नूहं में इस्लामी भीड़ ने हमला किया था। उन्होंने बताया कि सोमवार की रात करीब 2-2:30 बजे वे पुलिस सुरक्षा में गुरुग्राम पहुँचे थे।
Here is the video statement by Amit Hindu. He says Praveen and him reached Gurgaon only at 2-230 AM escorted by police, and he had nothing to do with the under construction mosque being burnt in Gurgaon. He says that those spreading fake news need to be investigated and booked.… pic.twitter.com/cwlcGm3vdb
— Nupur J Sharma (@UnSubtleDesi) August 1, 2023
अमित हिंदू ने बताया कि इस्लामवादी उन्हें फँसाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि वे हिंदुओं की सुरक्षा के लिए जमीन पर काम करते हैं। वे हिंदू लड़कियों को लव जिहाद से बचाते हैं। वे गो रक्षा के लिए काम करते हैं। जब हिंदुओं को प्रताड़ित किया जाता है तो उनके साथ खड़े होते हैं। ऑपइंडिया से बात करते हुए अपने और प्रवीण हिंदुस्तानी के खिलाफ फर्जी खबर फैलाने वालों पर कार्रवाई की माँग भी उन्होंने हरियाणा पुलिस से की।
उन्होंने कहा कि इस फर्जी खबर की वजह से शहर में और अशांति फैल सकती है। अमित ने बताया कि नूहं में हुए हमले के दौरान उनके घुटनों में चोटें भी आई है। उनकी आँखों में लाल मिर्च भी झोंक दिया गया था। मस्जिद जलाने की घटना के पीछे उन्होंने ‘साजिश’ की आशंका जताते हुए कहा है कि उन्हें इसमें जलाभिषेक यात्रा में शामिल हिंदुओं की संलिप्तता को लेकर संदेह है।
प्रवीण हिंदुस्तानी ने भी ऑपइंडिया को बताया है कि फर्जी तरीके से गुरुग्राम की घटना में उनका और अमित का नाम जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा है, “कल (31 जुलाई) रात हम पुलिस लाइन नूहं में थे। करीब 2 बजे गुरुग्राम पहुँचे। हमें इस घटना के विषय में कुछ नहीं पता। कुछ लोग टि्वटर पर फेक न्यूज़ चलाकर, नूहं दंगा की फोटो लगाकर, हमें गुरुग्राम में बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं। यह बहुत गहरी साजिश है। प्रशासन को फेक खबर चलाने के जुर्म में इन सभी पर मुकदमा दर्ज करना चाहिए।”
दिलचस्प यह भी है कि सूत्रों के अनुसार इस मामले में 5 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। इनमें अमित हिंदू और प्रवीण हिंदुस्तानी नहीं हैं। हमें यह भी पता चला है कि गिरफ्तार लोगों और मस्जिद के कथित इमाम के बीच व्यक्तिगत दुश्मनी का एक कोण भी हो सकता है। सभी पहलुओं की जाँच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नुपूर जे शर्मा की यह रिपोर्ट मूल रूप से अंग्रेजी में लिखी गई है। विस्तार से पढ़ने के लिए आप इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।