हम हैं फिलिस्तीन, इजराइल हाय-हाय: 21 कट्टरपंथियों को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने किया गिरफ्तार

फिलिस्तीन के साथ, इजराइल के खिलाफ (प्रतीकात्मक तस्वीर)

इजराइल और फिलिस्तीन के बीच जारी जंग का फायदा उठाकर कट्टरपंथी असामाजिक तत्व सोशल मीडिया के जरिए जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। इस मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष से जुड़ी संवेदनशील कंटेंट पोस्ट कर घाटी में शांति भंग करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

https://twitter.com/KashmirPolice/status/1393501543823937543?ref_src=twsrc%5Etfw

जम्मू-कश्मीर पुलिस के इस सुझाव के बावजूद कुछ कट्टर या धर्म में पागल हुए लोग इजराइल-फिलिस्तीन के नाम पर घाटी में जहर घोलने में जुट गए। इजरायल के विरोध में नारे-प्रदर्शन या ग्रैफिटी बनाते श्रीनगर से 20 और शोपियाँ से 1 नागरिक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

ग्रैफिटी बनाने वाला इंसान “We Are Palestine” नाम से एक ग्रैफिटी बना रहा था, जिसमें फिलिस्तीन का झंडा लिए एक महिलो को रोते हुए दिखाया गया था। कानून व्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर श्रीनगर में 20 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

शनिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा कि वह उन तत्वों पर कड़ी नजर रख रही है जो कश्मीर घाटी में शांति और व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए “फिलिस्तीन में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति का लाभ उठाने का प्रयास” कर रहे हैं।

https://twitter.com/SrinagarPolice/status/1393592125447491586?ref_src=twsrc%5Etfw

गौरतलब है कि येरुशलम के मुद्दे पर हाल ही में फिलिस्तीन और इजराइल के बीच संघर्ष बढ़ा है। फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के हमलों के जवाब में इजराइली डिफेंस फोर्स ने गाजा पट्टी पर बमबारी शुरू कर दी है। इसी का फायदा उठाकर कट्टरपंथी कश्मीर की शाँति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं।

आईजी कश्मीर, विजय कुमार ने कहा, “हम एक पेशेवर पुलिस फोर्स हैं और जनता की पीड़ा के प्रति संवेदनशील भी हैं। लेकिन, जम्मू-कश्मीर पुलिस के पास कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने की भी कानूनी जिम्मेदारी है। जनता के गुस्से और सनकीपने को जम्मू-कश्मीर की सड़कों पर हिंसा, अराजकता और अव्यवस्था के रूप में ट्रिगर नहीं करने दिया जाएगा।”

https://twitter.com/KashmirPolice/status/1393501546483093505?ref_src=twsrc%5Etfw

जम्मू-कश्मीर पुलिस का कहना है कि लोगों को अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार है, लेकिन कोविड -19 महामारी के दौरान कोई विरोध प्रदर्शन नहीं कर सकते। देश के कई हिस्सों की तरह जम्मू और कश्मीर भी कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहा है और 24 मई तक केंद्र शासित प्रदेश में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है।

https://twitter.com/KashmirPolice/status/1393501548974538752?ref_src=twsrc%5Etfw

आईजी कश्मीर विजय कुमार ने कहा कि राय व्यक्त करना आजादी है, लेकिन सड़कों पर हिंसा भड़काना गैरकानूनी है। उन्होंने कहा, “लापरवाही भरे सोशल मीडिया पोस्ट के परिणामस्वरूप हिंसा फैल सकती है। ऐसे में कोविड प्रोटोकॉल और कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया