नीरज प्रजापति की हत्या के मामले में 16 गिरफ्तार, CAA समर्थन रैली के समय मुस्लिम कॉलोनी में हुआ था हमला

CAA समर्थन में रैली निकालते समय हुए हमले में हुई नीरज प्रजापति की मृत्यु

झारखंड के लोहरदगा में 23 जनवरी को सीएए के समर्थन में आयोजित हुई रैली पर मुस्लिमों के हमले में घायल होने के बाद नीरज प्रजापति की मृत्यु हो गई थी। झारखंड पुलिस ने इस मामले की जाँच में 16 ऐसे लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जो इस हत्या में शामिल हो सकते हैं।

नीरज प्रजापति का इलाज लोहरदगा सदर अस्पताल, राँची ऑर्किड हॉस्पिटल और फिर (RIMS) रिम्स में चला, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। वो देवी-देवताओं की मूर्तियाँ व अन्य पेंटिंग्स बना कर अपना व परिवार का गुजर-बसर करते थे। बेटे की मृत्यु की ख़बर सुन कर नीरज के पिता को भी गहरा सदमा लगा है, जिसके बाद उन्हें रिम्स के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। फ़िलहाल वो घर पर हैं लेकिन उनकी स्थिति ठीक नहीं है।

नीरज प्रजापति की मृत्यु तब हुई जब उनके सर पर CAA के समर्थन में लोहे की रॉड से हमला किया गया। पुलिस का कहना है कि उनकी मृत्यु इस चोट की वजह से अत्यधिक खून बहने और घाव पर सेप्टिक होने से हुई। सीएए के समर्थन में रैली निकाल रहे कुछ लोगों पर पूर्व-नियोजित तरीके से मुसलमानों ने अपने घरों की छतों पर ईंट-पत्थर फेंककर हमला किया था।

मुस्लिम मोहल्ले में पहुँचते ही नारा-ए-तकबीर के साथ जुलूस का स्वागत किया गया और मुस्लिमों की भीड़ उन पर टूट पड़ी। हालाँकि, रैली विश्व हिन्दू परिषद् के बैनर तले निकाली जा रही थी लेकिन इसमें ज्यादातर आम नागरिक शामिल थे, जिनका ताल्लुक किसी संगठन से नहीं रहा है।

ऑपइंडिया से बातचीत में नीरज के परिवार ने बताया था कि लोहरदगा में अधिकारीगण दोनों समुदायों के वरिष्ठ लोगों के साथ बैठक पर बैठक कर रहे हैं लेकिन जो पीड़ित हैं, उनकी बातें नहीं सुनी जा रही। ज्ञात हो कि नीरज प्रजापति के अंतिम संस्कार को भी जल्दी-जल्दी में निपटाया गया और लोगों को उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने से रोका गया था। लोग इसे झारझंड में सरकार बदलने का दुष्प्रभाव बता रहे हैं। झारखण्ड की हेमंत सोरेन सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण की नित नई इबारत गढ़ रही है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया