Friday, April 19, 2024
Homeदेश-समाजप्रशासन ने बताई JNU में हमलावरों की 'पहचान': विपक्ष जबरदस्ती ठहरा रहा सरकार को...

प्रशासन ने बताई JNU में हमलावरों की ‘पहचान’: विपक्ष जबरदस्ती ठहरा रहा सरकार को जिम्मेदार

लेफ्ट हर तरह से इन मुद्दों पर अपना विरोध दर्ज करवाते हुए अपने पक्ष में भीड़ इकट्ठा करने की जुगत में था। कहा जा रहा है इसी कड़ी में लेफ्ट चाहता था कि विश्वविद्यालय के अन्य छात्र भी सेमेस्टर एग्जाम न दें और न ही अपनी रजिस्ट्रेशन फीस जमा करवाएँ। लेकिन.....

जेएनयू में सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन को लेकर हुए विवाद ने रविवार (जनवरी 5, 2019) को एक भयंकर रूप ले लिया। यहाँ छात्रों/युवाओं के एक समूह ने कल शाम हॉस्टल परिसर में घुसकर काफी तोड़फोड़ और मारपीट की। हालाँकि, पूरे प्रकरण के लिए विश्वविद्यालय ने अपनी ओर से जारी बयान में उन लोगों को स्पष्ट तौर पर जिम्मेदार बताया, जो कुछ समय पहले तक फीस बढ़ोतरी का विरोध कर रहे थे और अब सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन रोकने के लिए 3 जनवरी से ही हिंसक हो गए थे। लेकिन, फिर भी सोशल मीडिया पर लगातार वामपंथी गिरोह द्वारा एबीवीपी को जिम्मेदार ठहराया गया । और, मौक़ा देखकर अपनी-अपनी राजनीति साधने के लिए विपक्ष भी सरकार को सवालों को घेरे में लेता रहा।

विश्वविद्यालय का बयान

पूरे प्रकरण पर विश्वविद्यालय द्वारा जारी बयान में स्पष्ट बताया गया कि पंजीकरण की प्रक्रिया 1 जनवरी तक बड़े आराम से चल रही थी। लेकिन 3 जनवरी को छात्रों का एक समूह नकाब पहनकर CIS के परिसर में घुसा और टेक्निकल स्टॉफ को रूम से निकालकर, वहाँ तोड़फोड़ की। जिससे इंटरनेट सेवा बाधित हो गईं। इस संबंध में स्टाफ ने छात्रों की पहचान कर उनके ख़िलाफ़ पुलिस शिकायत करवाई।

प्रेस नोट का पहला पन्ना

इसके बाद 4 जनवरी को सर्वर ठीक करके प्रक्रिया दोबारा चालू हुई। जिसके बाद हजारों बच्चों ने बढ़ी फीस के साथ सुबह-सुबह ही अपना रजिस्ट्रेशन करवा दिया। लेकिन 3 तारीख की तरह 4 जनवरी को भी दोपहर 1 बजे कुछ छात्र दोबारा परिसर में सर्वर बंद करने के लिए घुसे। जहाँ उन्होंने पहले पॉवर सप्लॉई बंद की, तारों को तोड़ा और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया बाधित करने के लिए फिर से सर्वर बंद कर गए। इस घटना के बाद दोबारा पुलिस में शिकायत दर्ज हुई।

प्रेस नोट का दूसरा पन्ना

बयान के मुताबिक, इस दौरान इन प्रदर्शनकारियों ने कुछ छात्रों और शिक्षकों को परिसर में प्रवेश करने से भी रोका। साथ ही गैर प्रदर्शनकारी छात्रों के स्कूल बिल्डिंग में घुसते हुए उनसे मारपीट भी की।

यही छात्र 5 जनवरी को करीब 4:30 बजे प्रशासनिक विभाग से होते हुए उन छात्रों के कमरों की ओर चल पड़े, जो फीस बढ़ौतरी के पक्ष में थे, और अगले सेमेस्टर के लिए बढ़ी हुई फीस के साथ अपना रजिस्ट्रेशन कर रहे थे। विश्वविद्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार पेरियार हॉस्टल में इन छात्रों ने डंडों और रॉड से मारपीट की।

हालाँकि इस बीच पुलिस को पूरे मामले पर जानकारी दी गई। लेकिन पुलिस के घटनास्थल पर पहुँचने से पहले ही ये छात्रों का समूह अपना उत्पात मचा चुका था। कई शांत छात्रों को उनके कमरों में घुसकर मारा गया था और कई शिक्षकों पर भी हमले हुए थे। सुरक्षाकर्मियों के भी इस हमले में घायल होने की खबर है।

बता दें, अभी कुछ ही हफ्ते पहले जेएनयू में उत्पाती छात्रों ने वीसी पर भी जानलेवा हमला किया था। लेकिन उस समय पुलिस की मदद से कुलपति अपनी जान बचाकर भागने में सफल हुए थे।

3 जनवरी से सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन करने वाले आखिर कौन?

गौरतलब है कि जेएनयू में पहले से ही फीस हाइक के मामले ने तूल पकड़ा हुआ था। ऐसे में सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ जामिया में हुई हिंसा के बाद जेएनयू का माहौल और गर्माया गया।

लेफ्ट हर तरह से इन मुद्दों पर अपना विरोध दर्ज करवाते हुए अपने पक्ष में भीड़ इकट्ठा करने की जुगत में था। कहा जा रहा है इसी कड़ी में लेफ्ट चाहता था कि विश्वविद्यालय के अन्य छात्र भी सेमेस्टर एग्जाम न दें और न ही अपनी रजिस्ट्रेशन फीस जमा करवाएँ। लेकिन जब अन्य छात्रों ने इनके बहकावे में आने से मना कर दिया, तो इन्होंने हिंसक रास्ता अपनाया। एबीवीपी के मुताबिक लेफ्ट के कारण ही ये पूरा मामला शुरू हुआ। जिन्होंने नए सेमेस्टर में छात्रों का रजिस्ट्रेशन बाधित करने के लिए सर्वर रूम जाकर बंद किया। ताकि इंटरनेट बंद हो जाए और छात्र रजिस्ट्रेशन न कर पाएँ।

विपक्ष के सवाल

रविवार की शाम जेएनयू में हुई शर्मनाक घटना पर कई नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तक ने पहले के जेएनयू पर अपने अनुभव साझा किए। लेकिन इसी बीच कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने जेएनयू में हुई हिंसा पर निराशा जाहिर की और कहा कि यह उस डर को दिखाती है जो ‘हमारे देश को नियंत्रित कर रही फासीवादी ताकतों को ‘छात्रों से लगता है।

कॉन्ग्रेस नेता प्रियंका गाँधी भी हमले की खबर सुन फौरन जेएनयू परिसर में हुई हिंसा में घायल छात्रों से मुलाकात करने के लिए दिल्ली के एम्स पहुँचीं। उन्होंने ट्वीट किया, अब मोदी-शाह के गुंडे हमारे विश्वविद्यालयों में उपद्रव कर रहे हैं, हमारे बच्चों में भय फैला रहे हैं, जिन्हें बेहतर भविष्य की तैयारियों में लगे होना चाहिए… इस जख्मों को बढ़ाते हुए भाजपा नेता मीडिया में ऐसा दिखा रहे हैं कि जेएनयू में हिंसा करने वाले उनके गुंडे नहीं थे।

वहीं, स्वराज अभियान के प्रमुख योगेंद्र यादव पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर के बाहर रविवार को कथित तौर पर हमला किया गया। यादव ने कहा कि वहाँ गुंडागर्दी को रोकने के लिए कोई नहीं था और उन्हें मीडिया से बात नहीं करने दिया गया।

अरविंद केजरीवाल ने घटना पर स्तब्धता जताते हुए कहा कि अगर विश्वविद्यालयों के अंदर ही छात्र सुरक्षित नहीं रहेंगे तो देश प्रगति कैसे करेगा।  मुख्यमंत्री के ट्वीट के कुछ ही समय बाद बैजल ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि उन्होंने पुलिस को कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है।

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने हिंसा के लिए एबीवीपी को जिम्मेदार ठहराया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जेएनयू में छात्रों और शिक्षकों पर हमले की निंदा की और इसे लोकतंत्र के लिए शर्मनाक बताया। 

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में 21 राज्य-केंद्रशासित प्रदेशों के 102 सीटों पर मतदान: 8 केंद्रीय मंत्री, 2 Ex CM और एक पूर्व...

लोकसभा चुनाव 2024 में शुक्रवार (19 अप्रैल 2024) को पहले चरण के लिए 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 संसदीय सीटों पर मतदान होगा।

‘केरल में मॉक ड्रिल के दौरान EVM में सारे वोट BJP को जा रहे थे’: सुप्रीम कोर्ट में प्रशांत भूषण का दावा, चुनाव आयोग...

चुनाव आयोग के आधिकारी ने कोर्ट को बताया कि कासरगोड में ईवीएम में अनियमितता की खबरें गलत और आधारहीन हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe