कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन को एक ट्वीट को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया। उन्होंने संक्रमण मुक्त हो चुके तबलीगी जमात के सदस्य द्वारा अन्य मरीजों के लिए प्लाज़्मा दान करने पर टिप्पणी की थी।
Karnataka government has issued a show-cause notice to IAS officer Mohammad Mohsin for his tweet on Tablighi Jamaat members donating plasma for treatment of COVID19 patients. Mohsin is serving as Secretary, Backward Classes Welfare Department, Govt of Karnataka.
— ANI (@ANI) May 2, 2020
कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन ने कोरोना से स्वस्थ हुए तबलीगी जमात के लोगों की ओर से अन्य मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा दान करने को लेकर ट्वीट किया था। 27 अप्रैल को किए गए ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि केवल दिल्ली में 300 से अधिक ‘तबलीगी हीरो’ देश की सेवा के लिए प्लाज्मा दान कर रहे हैं। लेकिन ‘गोदी मीडिया’ इन हीरो के मानवता कार्य को नहीं दिखाएगा। मूल रूप से बिहार के रहने वाले मोहम्मद मोहसिन इस समय पिछड़ी जाति कल्याण विभाग के सचिव के रूप में कार्यरत हैं।
Karnataka Govt has issued show cause notice to IAS Officer Mohammad Mohsin for the following tweet.
— Arvind Gunasekar (@arvindgunasekar) May 2, 2020
Earlier a similar action was taken against him during Lok Sabha elections when he ordered to check PM Modi’s chopper as election observer. pic.twitter.com/sR7NLGCNWl
राज्य सरकार ने मोहसिन के ट्वीट को गंभीरता से लेते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस में उनसे पाँच दिन के भीतर अखिल भारतीय सेवा के नियमों (All India Services (Conduct) Rules, 1968) के उल्लंघन पर लिखित जवाब देने के लिए कहा गया है। कर्नाटक सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह शक्तिशाली अधिकारियों पर भी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगी, अगर उनकी गतिविधियाँ ऐसे समय में समरसता को खराब करती है जब कोविड-19 के लिए एकजुटता की जरूरत है। नोटिस में कहा गया है कि अगर वो पाँच दिनों के भीतर स्पष्टीकरण नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ All India Services (Discipline and Appeal) Rules, 1969 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन पिछले साल उस समय चर्चा में आए थे, जब अप्रैल में ओडिशा दौरे के दौरान चुनाव पर्यवेक्षक के नाते उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलीकॉप्टर की जाँच करने की कोशिश की थी और चुनाव आयोग ने उन्हें 17 अप्रैल को निलंबित कर दिया था।
गौरतलब है कि पिछले दिनों प्लाज़्मा थेरेपी से कोरोना वायरस (COVID-19) के उपचार की बात पर स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा था कि यह थेरेपी अभी सिर्फ प्रायोगिक चरण में ही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस के उपचार में यदि प्लाज्मा थेरेपी का प्रयोग दिशा-निर्देशों के अनुसार नहीं हुआ तो यह जान के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है।
गौरतलब है कि दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में तबलीगी जमात के मजहबी कार्यक्रम हुए, जिसमें प्रशासन के दिशा-निर्देशों और लॉकडाउन का खुला उल्लंघन किया गया। इसके बाद सैकड़ों लोग अलग-अलग राज्यों में जाकर छिप गए। उन्हें खोजने गए पुलिसकर्मियों और उनकी स्क्रीनिंग के लिए गई मेडिकल टीम पर हमले भी हुए। मजहबी कार्यक्रम में भाग लेने के बाद ये तबलीगी देश के कई हिस्सों में जाकर छिप गए। इसकी वजह से कोरोना संक्रमण मामले में धड़ल्ले से इजाफा होता दिखा। पिछले दिनों रायबरेली में 33 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले थे, जिसमें 31 के ताल्लुकात तबलीगी जमात से थे।