उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने का मामला सामने आया। पुलिस ने इस मामले में ईसाई पादरी और उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया। दोनों केरल के रहने वाले हैं। आरोप है कि ये दोनों लोगों को जमीन और घर समेत अन्य तरह से लालच देकर धर्मांतरण का शिकार बनाते थे। घटना सोमवार (27 फरवरी 2023) की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मामला गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाना क्षेत्र के चनवानी गाँव का है। जहाँ ईसाई पादरी संतोष जोहन अब्राहिम अपनी पत्नी जीजी जोहन के साथ रह रहा था। दोनों आरोपितों ने लोगों को प्रार्थना कराने के लिए किराए पर एक हॉल ले रखा था। इस हॉल में ही लोग इकट्ठा होते थे। जहाँ प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराया जाता था।
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— POLICE COMMISSIONERATE GHAZIABAD (@ghaziabadpolice) February 27, 2023
थाना इंदिरापुरम पुलिस द्वारा बहला फुसलाकर व लालच देकर संगठित रुप से धर्म परिवर्तन कराने वाले एक अभियुक्त व एक अभियुक्ता गिरफ्तार ।@Uppolice pic.twitter.com/XYDojAzIeT
इस मामले को लेकर स्थानीय भाजपा युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष प्रवीन नागर का कहना है कि उन्हें सूचना मिली थी कि कुछ लोग कनवानी गाँव में धर्मांतरण कराने के लिए आए हुए हैं। सूचना के आधार पर वह रविवार (26 फरवरी 2023) की शाम मौके पर पहुँच गए। जहाँ उन्हें ये दोनों आरोपित मिले।
प्रवीन नागर ने आरोप लगाया है कि ईसाई मिशनरी से जुड़े पादरी और उसकी पत्नी धर्मांतरण के लिए 25 गज का मकान और दो लाख रुपए नगद देने की बात कर रहे थे। यह धर्मांतरण के लिए खुला प्रलोभन था।
वहीं इस मामले को लेकर एबीपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ईसाई पादरी और उसकी पत्नी पाठशाला के चलाने के नाम पर छोटे बच्चों को ब्रेन वॉश करते थे। इन बच्चों को हिन्दू त्योहारों को मनाने से मना किया जाता था। यही नहीं घर जाकर अपने माता पिता को सिर्फ यीशु मसीह की बातें को बताने के लिए कहा जाता था। आरोपित बच्चों को बिस्किट, गिलास जैसी चीजें देकर ईसाई बनाने के लिए प्रलोभित कर रहे थे।
पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने बताया है कि वे ऑपरेशन अगापे से जुड़ी संस्था यूनाइटेड क्रिश्चियन प्रेयर फ़ॉर इंडिया (यूसीपीआई) के यूपी मिशन के लिए काम करते थे। उन्होंने किराए पर जो हॉल ले रखा था वहाँ ईसाई धर्म की प्रार्थना व प्रचार के लिए लोग जुटते थे। यहीं पर लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता था।
आरोपितों ने यह भी स्वीकार किया है कि मिशन अगापे से जुड़ी उनकी संस्था द्वारा प्रत्येक व्यक्ति को 20 लोगों को जोड़ने का टारगेट दिया जाता है। संस्था में जोड़ने के बाद उन्हें ईसाई धर्म की जानकारी देने के बाद प्रार्थना करवाई जाती थी। मिशन अगापे की वेबसाइट के अनुसार इसका उद्देश्य, “भारत में चर्च को बाइबिल की शिक्षाओं से लैस करने और जरूरतमंद लोगों को दया और प्यार दिखाने कर महान आज्ञा (ईसाई प्रार्थना) करवाने में मदद करना है।”
फिलहाल इस पूरे मामले में पुलिस दोनों आरोपितों की कुंडली खँगालने में जुटी है। साथ ही पुलिस धर्मांतरण के इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश भी कर रही है। पुलिस का कहना है कि यूसीपीआई संस्था के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।