केरलः मदरसे के उलेमा ने 11 साल के बच्चे का किया यौन उत्पीड़न, अदालत ने सुनाई 20 साल की सजा-₹50000 जुर्माना

यौन शोषण में उलेमा को 20 साल की सजा (प्रतीकात्मक तस्वीर)

केरल के कासरगोड में एक मदरसे के उलेमा को यौन उत्पीड़न के आरोप में 20 साल कारावास की सजा सुनाई गई। अब्दुल हनीफ मधानी नाम के 41 वर्षीय उलेमा पर 11 साल के बच्चे के यौन उत्पीड़न का आरोप था। सत्र न्यायालय के न्यायाधीश टीके निर्मल ने अब्दुल हनीफ को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।

पॉक्सो केसों के पब्लिक प्रॉजिक्यूटर प्रकाश अमनय ने बताया कि उसे इस संबंध में कहा कि उसे पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 20 और आईपीसी की धारा 377 में उसे 10 साल की सजा सुनाई गई। दोनों सजा साथ-साथ चलेगी। कोर्ट ने अब्दुल पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। जुर्माने की राशि नहीं दिए जाने पर उसकी सजा को 12 माह और बढ़ा दी जाएगी।

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सरकारी वकील के मुताबिक, आरोपित ने पीड़ित बच्चे का कई बार यौन शोषण किया। आखिरी बार उसने ऐसा 31 मई 2016 को हुआ था। इसके बाद अंबलथारा थाने में उसके ख़िलाफ़ शिकायत हुई। लेकिन वह बेल पर रिहा हो गया। कोर्ट ने हाल में उसे दोषी पाया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

गौरतलब है कि साल 2018 में ऐसा ही मामला हैदराबाद से आया था। वहाँ एक मदरसे के मौलवी ने 6 नाबालिगों का यौन उत्पीड़न किया था। अभिभावकों की शिकायत के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया था कि मौलवी पर 10 से 12 साल के बच्चों से रेप का आरोप है। शिकायत के बाद उसके ख़िलाफ़ मामला दर्ज हुआ था।

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इसी प्रकार, साल 2020 में बांग्लादेश के एक मदरसा टीचर मो शाहिदुल्लाह पर आरोप लगा था कि उसने 15 दिन तक मदरसे में एक 16 साल के लड़के को नींद की गोलियाँ दे देकर उसका रेप किया। एक दिन जब लड़का मदरसे से भागने में कामयाब हुआ तो उसने अपने माता-पिता को आपबीती बताई। इसके बाद पुलिस में शिकायत हुई और शाहिदुल्लाह को गिरफ्तार किया गया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया