हाथरस मामले में मीडिया के कई रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि पुलिस-प्रशासन ने जल्दी-जल्दी में ही पीड़िता का अंतिम-संस्कार करा दिया। ‘इंडिया टुडे’ की पत्रकार तनुश्री पांडेय ने दावा किया था कि गाँव में शव पहुँचने पर काफी हंगामा हुआ और अधिकारियों ने बलपूर्वक परिजनों को पीड़िता का अंतिम संस्कार करने के लिए दबाव बनाया। उन्होंने दावा किया कि परिजन कह रहे हैं कि उन्हें अंतिम बार उनकी बेटी का चेहरा देखने दिया जाए।
साथ ही उन्होंने कुछेक वीडियो शेयर कर के ये भी दावा किया कि ग्रामीणों ने एम्बुलेंस के सामने आकर पुलिस का विरोध किया और कहा कि वो पीड़िता का अंतिम-संस्कार बलपूर्वक नहीं होंगे देंगे। इस वीडियो के पोस्ट किए जाने के लगभग आधे घंटे बाद ही हाथरस पुलिस ने बयान दिया कि थाना चन्दपा क्षेत्रान्तर्गत घटित दुर्भाग्यपूर्ण घटना में मृतिका का शव गाँव पहुँच गया है तथा परिवारीजनों के अनुसार अन्तिम संस्कार किया जाएगा।
हाथरस पुलिस ने ‘बिना परिजनों की अनुमति के पुलिस द्वारा बलपूर्वक पीड़िता का अंतिम संस्कार कराने’ की मीडिया में चल रही ख़बरों का खंडन करते हुए कहा है कि ये ‘असत्य और भ्रामक’ है। पुलिस के अनुसार, ‘सच्चाई ये है’ कि पुलिस-प्रशासन की देखरेख में परिजनों द्वारा अपने रीति-रिवाज के साथ मृतिका के शव का अंतिम संस्कार किया। ऑपइंडिया को अधिकारियों ने बताया कि इस मामले के सभी 4 अभियुक्तों को जेल भेजा जा चुका है।
थाना चन्दपा क्षेत्रान्तर्गत घटित दुर्भाग्यपूर्ण घटना में पुलिस एवं प्रशासन की देखरेख में परिजनो द्वारा मृतिका के शव का अन्तिम संस्कार किया गया है, उक्त सम्बन्ध में ज्वाइन्ट मजिस्ट्रेट द्वारा दी गई बाईट I@AwasthiAwanishK @dgpup @Uppolice @CMOfficeUP @HomeDepttUP @adgzoneagra pic.twitter.com/HiDIYj7dVe
— HATHRAS POLICE (@hathraspolice) September 30, 2020
हाथरस के जॉइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने कहा है कि इस मामले में पीड़िता को न्याय मिले और दोषियों को सज़ा मिले, इसके लिए प्रशासन त्वरित कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने कहा कि अंतिम-संस्कार परिवारजनों के सहयोग और अनुमति से संपन्न हुआ। वीडियो में पीड़िता के पिता एवं दादा को अंतिम-संस्कार की प्रक्रिया पूरी करते हुए देखा जा सकता है। वहीं हाथरस डीएम ने कहा है कि प्रशासन परिवार के साथ है और उनकी हरसंभव मदद के अलावा फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के जरिए दोषियों को यथाशीघ्र सज़ा दिलाई जाएगी।
डीएम ने जानकारी दी कि चंदपा थाना वाले प्रकरण में पीड़िता के परिजनों को पूर्व में 4,12,500 रुपए की आर्थिक सहायता दी गई थी। मंगलवार (सितम्बर 28, 2020) 5,87,500 रुपए की सहायता और दी जा रही है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार कुल 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता की गई है। पुलिस ने बताया है कि पीड़िता को परिजनों की सहमति के बाद दिल्ली स्थित सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहाँ उसकी मृत्यु हो गई।
हाथरस मामला: क्या, कब और कहाँ?
14 सितंबर को पीड़िता चारा इकट्ठा करने के लिए खेत में गई थी, जब 4 युवकों ने उस पर पीछे से हमला किया था। किशोरी को उसके गले में दुपट्टे से बाँधकर घसीट कर खेत में ले जाया गया, जहाँ कथित तौर पर उसके साथ बलात्कार किया गया। शायद घसीटने की वजह से ही उसकी रीढ़ की हड्डी में चोट आई थी।
दुष्कर्म का विरोध करने पर आरोपितों ने पीड़िता की गला दबा कर हत्या करने की कोशिश की। पुलिस ने कहा कि इसी दौरान पीड़िता की जीभ दाँत के बीच में आ गई और कट गई।
इस पूरे मामले पर पुलिस आईजी ने कहा, “कुछ दिन बाद जब पीड़िता का बयान लिया गया तो उसने बताया कि उसके साथ छेड़खानी भी किया गया था। पूछने के बावजूद उसने अन्य कोई आरोप नहीं लगाया। उसने तीन और युवकों का भी नाम बताया, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है। मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की बात सामने नहीं आई है। फिलहाल चारों आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।”
इस मामले में सोशल मीडिया पर सामूहिक बलात्कार की क्रूरता व भयावहता का वर्णन वाली कई रिपोर्टें सामने आईं। दावा किया गया कि अपराधियों ने लड़की की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी, उसकी जीभ काट दी और आँखें भी फोड़ दी। हालाँकि, हाथरस पुलिस ने इन आरोपों से इनकार किया।
हाथरस पुलिस ने बयान जारी करते हुए कहा, “सोशल मीडिया के माध्यम से यह असत्य खबर सार्वजनिक रुप से फैलाई जा रही है कि थाना चन्दपा क्षेत्रान्तर्गत दुर्भाग्यपूर्ण घटित घटना में मृतिका की जीभ काटी गई, आँख फोड़ी गई तथा रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई थी। हाथरस पुलिस इस असत्य एवं भ्रामक खबर का खंडन करती है।”
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में 19 वर्षीय पीड़िता ने मंगलवार (सितंबर 29, 2020) सुबह गंभीर चोटों के कारण दम तोड़ दिया। उसे एक दिन पहले अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से दिल्ली रेफर किया गया था।