मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के एक मदरसे से फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। आरोपों के घेरे में विदिशा शहर के बैस दरवाजा स्थित बरकतुल्लाह मदरसा है। आरोप है कि मदरसे में हिंदू बच्चों का एडमिशन दिखाकर सरकारी लाभ उठाया गया है। प्रशासन ने मामले की जाँच के आदेश दिए हैं।
इस मदरसे में कुल 41 छात्र हैं। इनमें 27 हिंदू बताए जा रहे। जनजातीय समाज के करीब 11 बच्चे ऐसे मिले हैं जो इस मदरसे में कभी पढ़ने भी नहीं आए, लेकिन उनका नाम यहाँ दर्ज है। इन बच्चों के माता-पिता को भी एडमिशन की जानकारी नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मदरसा रजिस्टर में अजय नाम के एक छात्र को कक्षा 8 में दर्ज दिखाया गया है, जबकि वो सरकारी स्कूल में क्लास 7 का छात्र है। अजय के पिता शंकर ने आरोप लगाया है कि मदरसे में उनके बेटे के नाम से वजीफा मँगा कर खुद रख लिया गया। उन्हें एक भी पैसा कभी नहीं मिला। अजय की माँ भी कैमरे के सामने आईं। उन्होंने कहा कि उन्हें तो बरकतुल्लाह मदरसे का पता ही नहीं है।
Out of 27 Hindu students, 11 were from Nayapura slum area admitted in the session 2022-2023.
— Subhi Vishwakarma (@subhi_karma) December 12, 2022
Listen to a minor who is unaware of her admission at the Barkatullah Madarsa. Even her sister has her name registered at this Madarsa: pic.twitter.com/YkhNWuDw9t
कृष्णा का भी कहना है कि वो कभी इस मदरसे में नहीं गई। लेकिन उसका भी एडमिशन है। उसकी बहन का नाम भी दर्ज है। इस फर्जीवाड़े की शिकायत करने वाले मनोज कौशल ने सिर्फ छात्रवृत्ति ही नहीं, बल्कि मिड डे मील और स्कूल ड्रेस में भी गोलमाल का आरोप लगाया है। मनोज का कहना है कि साल 2016 से 2022 तक इस मदरसे में 11 बच्चों का फर्जी एडमिशन हुआ है। उन्होंने बताया कि इन बच्चों ने न तो कभी यहाँ क्लास ली और न ही कोई परीक्षा दी।
मदरसा संचालक मंजीत कपूर के मुताबिक उन्होंने 2017 से 2021 के बीच मदरसे चलाने का जिम्मा सुरेश आर्य नाम के टीचर को दिया था। 21 साल से मदरसा चला रहे कपूर ने गड़बड़ी का आरोप आर्य पर लगाया है। उनका कहना है कि एडमिशन में गड़बड़ी की जानकारी मिलने के बाद 2022 में उन्होंने फिर से संचालन की जिम्मेदारी अपने हाथों में ले ली। विदिशा के जिला शिक्षा अधिकारी जी पी राठी ने मामले का संज्ञान ले कर जाँच करवाने के आदेश दिए हैं।