मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा में नाबालिग आदिवासी लड़की की बलात्कार के बाद हत्या का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार शव जंगल से बरामद किया गया। मृतका के परिजनों का कहना है कि पोस्टमार्टम के लिए पुलिस ने उनसे रिश्वत की मॉंग की।
परिजनों के मुताबिक 18 जनवरी को बदमाशों ने लड़की को उसके घर से अगवा कर लिया। 25 जनवरी को उसका सड़ा गला शव जंगल में मिला। मृतका पांढुर्णा क्षेत्र के पाटई गाँव की रहने वाली थी। परिजनों के अनुसार पोस्टमार्टम करवाने के लिए पुलिस ने ₹5000 की रिश्वत मॉंगी। परिजनों ने पैसे नहीं दिए तो उन्हें शव ले जाने को कहा। पुलिस ने शव ले जाने के लिए वाहन देने के बदले में भी 1 हजार की रिश्वत माँग की।
जानकारी के मुताबिक नाबालिग के माता-पिता 18 जनवरी को खाना खाने के बाद खेत में सिंचाई करने के लिए चले गए थे। नाबालिग घर में अकेली थी और उसकी दादी दूसरे कमरे में सो रही थी। तभी रात के 11 बजे आरोपित लड़की को उठाकर जंगल में ले गए और उसकी हत्या कर दी। शव को छोड़कर आरोपित वहाँ से फरार हो गए। परिजनों ने इसकी शिकायत पुलिस से की, लेकिन स्थानीय पुलिस ने उनकी कोई मदद नहीं की। इसके बाद वो शनिवार (फरवरी 1, 2020) को शिकायत लेकर छिंदवाड़ा के एसपी के पास पहुँचे और घटना की जानकारी देते हुए आरोपितों के लिए फाँसी की सजा की माँग की।
नरपिशाचों के हौसले इतने बुलंद हैं कि मुख्यमंत्री कमलनाथ जी के क्षेत्र पांढुर्णा के पाटई गांव से 17 साल की बेटी को उठा ले गए। बलात्कार के बाद नृशंस हत्याकर जंगल में फेंक दिया। बेटी की आत्मा को तब तक शांति नहीं मिलेगी, जब तक अपराधियों को फांसी के फंदे पर नहीं लटका दिया जाता है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) February 1, 2020
बीजेपी नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना पर आक्रोश व्यक्त करते हुए एक के बाद एक लगातार तीन ट्वीट किए। उन्होंने अपने पहले ट्वीट में लिखा, “नरपिशाचों के हौसले इतने बुलंद हैं कि मुख्यमंत्री कमलनाथ जी के क्षेत्र पांढुर्णा के पाटई गाँव से 17 साल की बेटी को उठा ले गए। बलात्कार के बाद नृशंस हत्याकर जंगल में फेंक दिया। बेटी की आत्मा को तब तक शांति नहीं मिलेगी, जब तक अपराधियों को फाँसी के फँदे पर नहीं लटका दिया जाता है।”
पांढुर्णा के पाटई गांव की बेटी की आत्मा की शांति और परिजनों को यह गहन पीड़ा सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं। बेटी के सम्मान और जीवन से खेलने वाले नराधामों को उनके किये की सज़ा दिलाये बिना चैन से नहीं बैठूंगा। #mp_मांगे_जवाब
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) February 1, 2020
दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, “पांढुर्णा के पाटई गाँव की बेटी की आत्मा की शांति और परिजनों को यह गहन पीड़ा सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूँ। बेटी के सम्मान और जीवन से खेलने वाले नराधामों को उनके किये की सज़ा दिलाए बिना चैन से नहीं बैठूँगा।”
यह निर्भयाकांड से ज़्यादा बड़ी घटना है। यह निकृष्टता की पराकाष्ठा है, क्रूरता की परिसीमा है। अभी भोपाल के मनुआभान टेकरी की दिवंगत पीड़िता को न्याय नहीं मिला, एक के बाद एक प्रदेश में ऐसी घटनाएँ हो रही हैं और सरकार चैन की नींद सो रही है। सरकार कब तक अपनी अकर्मण्यता का परिचय देगी?
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) February 1, 2020
उन्होंने अपने तीसरे ट्वीट में इस घटना को निर्भया गैंगरेप से बड़ी घटना बताते हुए लिखा, “यह निर्भया कांड से ज़्यादा बड़ी घटना है। यह निकृष्टता की पराकाष्ठा है, क्रूरता की परिसीमा है। अभी भोपाल के मनुआभान टेकरी की दिवंगत पीड़िता को न्याय नहीं मिला, एक के बाद एक प्रदेश में ऐसी घटनाएँ हो रही हैं और सरकार चैन की नींद सो रही है। सरकार कब तक अपनी अकर्मण्यता का परिचय देगी?”
वहीं लावाघोंघरी थाना प्रभारी कौशल सूर्या का कहना है कि मृतका के परिजनों ने लड़की के लापता होने के बाद शिकायत नहीं कराई थी। उन्हें इसकी जानकारी 25 जनवरी को हुई। उन्होंने कहा कि अब तक दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। दो युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। जल्द ही पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा।
नई दुनिया के मुताबिक कौशल सूर्या ने बताया कि नाबालिग के विजय और महेंद्र नाम के युवकों से प्रेम संबंध थे। विजय और महेंद्र 18 जनवरी को पीड़िता को उठाकर जंगल ले गए और फिर वहाँ पर हुई कहासुनी के बाद दोनों आरोपितों ने नाबालिग की गला घोंटकर हत्या कर दी और फरार हो गए। बताया जा रहा है कि दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है और फिर न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। पुलिस आगे की जाँच कर रही है।