काशी विश्वनाथ के बाद अब उसी रूप में उज्जैन के महाकाल मंदिर को भी भव्यता देने की तैयारी शुरू हो चुकी है। इसके लिए 705 करोड़ रुपए के महाकाल विस्तार प्रोजेक्ट के पहले चरण का काम लगभग पूरा हो रहा है। आने वाली महाशिवरात्रि से पहले इस काम को पूरा कर लिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद जहाँ महाकाल के दर्शन आसानी से हो सकेंगे, वहीं धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद महाकाल परिसर का विस्तार होगा। अभी लगभग 2.82 हेक्टेयर में फैला यह परिसर 4 गुना बढ़ कर 20 हेक्टेयर हो जाएगा। इसमें महाकाल पथ, महाकाल वाटिका, रूद्रसागर तट का विकास शामिल है। इस परिसर में रहने और घूमने के साथ अन्य कई सुविधाएँ होंगी। इस प्रोजेक्ट में महाकाल पथ, महाकाल वाटिका, रूद्रसागर तट का विकास कार्य सम्मिलित है। त्रिवेणी संग्रहालय के सामने वाहनों का पार्किंग स्थल भी बनाया जा रहा है। दिसम्बर 2021 में ही यह तय हो गया था कि फरवरी 2022 से रूद्र सागर में सीवरेज के पानी की एक बूँद भी नहीं मिलने दी जाएगी।
उज्जैन के जिलाधिकारी IAS आशीष सिंह ने इस बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया, “महाकाल विस्तार प्रोजेक्ट 2 चरणों में पूरा होगा। पहले चरण का काम महाशिवरात्रि से पहले पूरा होगा। दूसरा चरण जून 2023 तक पूरा करने का प्रयास है। यह प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद हर घंटे लगभग 1 लाख श्रद्धालु बिना रुकावट के महाकाल के दर्शन कर सकेंगे। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 18 करोड़ रुपए की लागत से UDA के माध्यम से श्रद्धालु सुविधा केंद्र बनाया जा रहा है। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस प्रोजेक्ट की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं।”