महाराष्ट्र पुलिस ने बुधवार (17 मई 2023) को कोल्हापुर शहर में 63 नाबालिग मुस्लिम लड़कों को ले जा रहे एक ट्रक को रोक कर पकड़ लिया। इन मुस्लिम लड़कों की उम्र 7 से 13 साल के बीच है। ये सारे बच्चे बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के हैं। इन्हें बिहार से ट्रेन के जरिए शहर में लाया गया था।
जानकारी के अनुसार, इन लड़कों को तालीम के लिए कोल्हापुर जिले के अजरा स्थित एक मदरसे में भेजा जा रहा था। यह घटना तब सामने आई, जब एक हिंदू संगठन के सदस्य विजयेंद्र माने ने शहर के रुईकर कॉलोनी में ट्रक को देखकर संदेह जताया। ट्रक चालक से पूछने पर वे मौके से फरार हो गए। इसके बाद माने का शक और गहरा गया।
विजयेंद्र माने ने पुलिस और हिंदू संगठनों के अन्य सदस्यों को मौके पर बुलाया। हिंदू संगठन के लोगों ने इस मामले में पुलिस से कड़ी कार्रवाई की माँग की। पुलिस ने बच्चों को हिरासत में लिया और कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा उन्हें सौंपे गए ट्रेन टिकटों की जाँच की। पूछताछ के दौरान नाबालिग लड़कों ने खुलासा किया कि उनमें से कुछ बिहार से, कुछ उत्तर प्रदेश से और कुछ पश्चिम बंगाल से हैं।
हिंदूवादी संगठनों ने इस घटना को लेकर कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने कई प्रासंगिक सवाल पूछे- ये बच्चे कौन हैं, कोल्हापुर क्यों आए थे, क्या उन्हें मजबूर किया गया था, ट्रक में क्यों ले जाया जा रहा था आदि। संगठनों ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता व्यक्त की।
धक्कादायक:-
— शिवानंद कबाडे (@sgkabade) May 17, 2023
कोल्हापूर: आज दुपारी दोन वाजता ६३ लहान मुस्लिम मुले वहातुक करत असलेला सदर ट्रक रुईकर कॉलनीनजीक (कोल्हापूर) येथे पकडला.
सदर मुले बिहारहून आल्याचे सांगत होती, परंतु त्यांच्याकडे पश्चिम बंगाल हून आल्याची रेल्वे तिकटे सापडली.
नागरिकांनी तक्रार करून त्यांना चौकशी करता pic.twitter.com/zlMlYDtjpX
ट्रक को रोकने में पुलिस की मदद करने वाले हिंदू संगठन के सदस्यों में विजयेंद्र माने, विजय खाड़े, विवेक वोरा, नितिन मिसाल, अनिकेत पाटिल, अनिकेत मोदकी, सुनील पाटिल, प्रसाद पटोले, अमेय भालकर, बजरंग दल के बांदा सालुंखे, प्रशांत कागले, अनिल चौगुले, सुजीत पाटिल और अवधूत भाटे प्रमुख हैं। बीजेपी से जुड़े विजयेंद्र माने ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि छात्रों के पास कोई पहचान पत्र या दस्तावेज नहीं थे।
विजयेंद्र माने ने कहा, “मैंने ट्रक को आज सुबह रुइकर कॉलोनी में देखा, क्योंकि यह महाराजा होटल नाम के एक होटल के सामने खड़ा था। मैंने बच्चों से पूछा कि वे कौन हैं, वे यहाँ क्यों आए हैं। लेकिन उनके पास कोई ठोस जवाब नहीं था। बाद में पता चला कि उन्हें कोल्हापुर के अजरा के एक मदरसे में ले जाया जा रहा था। उनके पास कोई पहचान पत्र भी नहीं है।”
कोल्हापुर पुलिस स्टेशन के अधिकारी मंगेश चव्हाण ने पुष्टि की है कि छात्रों को आगे की प्रक्रिया के लिए बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा, “हमने इस मामले में जाँच की। हमें पता चला कि ये छात्र लंबे समय से अज़रा मदरसा में पढ़ रहे हैं। उन्हें छुट्टियों में उनके घर बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल भेजा गया था। अब उन्हें वापस लाया गया है।”
हालाँकि, पुलिस ने यह भी कहा कि मामले की विस्तृत जाँच की जाएगी और छात्रों को राज्य बाल कल्याण संघ द्वारा गठित समिति के समक्ष पेश किया जाएगा। कुछ मीडिया संगठनों का दावा है कि कुल 69 नाबालिग मुस्लिम लड़के थे, जबकि अन्य ने कहा है कि 63 नाबालिग मुस्लिम छात्रों को हिरासत में लिया गया है।