नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) के ख़िलाफ़ देशभर में विरोध-प्रदर्शनों का दौर जारी है। कई जगहों पर विरोध-प्रदर्शनों की आड़ में उपद्रवियों ने पुलिस को निशाना बनाया और उनपर जानलेवा हमले किए। इस बीच, उत्तर प्रदेश में मेरठ के एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह का एक वीडियो वायरल होने के बाद राजनीति तेज़ हो गई है। जहाँ, एक तरफ प्रियंका गाँधी ने इस वीडियो को ट्वीट करते हुए सवाल खड़ा किया, तो वहीं दूसरी तरफ़ एसपी सिटी डॉ. अखिलेश नारायण सिंह ने कहा है कि पाकिस्तान के पक्ष में नारे लगाने वाले उपद्रवियों को हमने वहाँ से भगाया।
इस मामले पर एडीजी प्रशांत कुमार का कहना है कि पुलिसकर्मियों की तरफ से कोई गोलीबारी नहीं हुई थी। उन्होंने एसपी का बचाव करते हुए कहा कि वायरल हुआ वीडियो बीते 20 दिसंबर को मेरठ शहर में हुए उपद्रव के बाद का है। उन्होंने बताया कि इसमें तथ्य यह है कि वहाँ भारत-विरोधी और पड़ोसी देश (पाकिस्तान) ज़िंदाबाद के नारे लगाए जा रहे थे और कुछ लोग पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ इंडिया (SDPI) के आपत्त्तिजनक पर्चे बाँट रहे थे।
https://twitter.com/ANINewsUP/status/1210812154141540354?ref_src=twsrc%5Etfwइस सूचना पर एसपी सिटी और एडीएम सिटी मौक़े पर पहुँचे। उन्होंने उपद्रवियों से कहा था आप जाना चाहते हैं तो कहीं भी जाए लेकिन यहाँ उपद्रव ना करें। उन्होंने कहा कि घटना के एक सप्ताह बाद इस तरह का वीडियो वायरल होना विशेषकर जब कल शुक्रवार (27 दिसंबर) को शांति का माहौल था, एक साज़िश का हिस्सा है, जिससे यहाँ के हालात सामान्य ना हो पाएँ।
इस मामले में मीडिया से एसपी सिटी ने कहा था कि जो कुछ भी वीडियो में सुना गया है वह प्रदर्शनकारियों के उस समूह को जवाब था जो पाकिस्तान के समर्थन में ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगा रहे थे। बता दें कि अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है और मेरठ के एडीजी ने कहा कि उक्त युवाओं के ख़िलाफ़ देशद्रोह की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है।
दरअसल, सोशल मीडिया पर 20 दिसंबर का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एडीएम सिटी अजय तिवारी और एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह हिंसा के दौरान गली के अंदर भाग रहे कुछ उपद्रवियों से कहा था कि जहाँ जाओगे, चले जाओ। हम ठीक कर देंगे। काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे हो, खाओगे यहाँ और गाओगे वहाँ का। एसपी का ये बयान वायरल होने के बाद मेरठ पुलिस ने दावा किया कि कुछ उपद्रवियों ने काली पट्टी बाँधकर पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाए थे।
नागरिकता (संशोधन) कानून की आवश्यकता क्यों?
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