जोफ्रेड वर्गीज ग्रेगरी और राल्फ्रेड जॉर्ज ग्रेगरी भाई थे। वो भी जुड़वा। 23 अप्रैल 1997 को एक साथ पैदा हुए थे। जन्म में केवल तीन मिनट का अंतर था। पूरी जिंदगी साथ बिताई। मौत कुछ घंटों के अंतराल पर हुई। मेरठ के इन जुड़वा भाइयों की जान कोरोना संक्रमण के कारण गई है।
24 अप्रैल को दोनों भाई बीमार पड़े थे। 10 मई को कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट नेगेटिव आई। अचानक फिर तबीयत बिगड़ी और 13 तथा 14 मई को एक-एक कर मौत हो गई।
इनके पिता ग्रेगरी रेमंड राफेल के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है बीमार होने से पहले दोनों ने 23 अप्रैल को अपना 24वाँ जन्मदिन मनाया था। जन्म लेने के बाद दोनों ने हर काम साथ किया। सोना, खाना, खेलना और यहाँ तक कि पढ़ाई पूरी कर कंप्यूटर इंजीनियर बनना। हैदराबाद में नौकरी भी साथ-साथ की।
राफेल के अनुसार पहले जोफ्रेड की मौत हुई थी। इसकी सूचना जब उनकी माँ को मिली तो उनके मुँह से बरबस ही निकल गया कि अब राल्फ्रेड भी नहीं बचेगा। ऐसा ही हुआ अगले दिन उसकी भी मौत हो गई। राफेल के अनुसार, “दोनों कोरिया और फिर जर्मनी जाने की योजना बना रहे थे। पता नहीं भगवान ने हमें इस तरह सजा क्यों दी।” उन्होंने कहा, “डॉक्टर उन्हें कोविड वार्ड से सामान्य आईसीयू में शिफ्ट करने की सोच रहे थे। हालॉंकि मैनें अस्पताल से आग्रह किया था कि दो दिन और कोविड वार्ड में ही उनके स्वास्थ्य की निगरानी करें। अचानक 13 मई की शाम मेरी पत्नी के पास फोन आया था और हमारी दुनिया उजड़ गई।”
रिपोर्ट के अनुसार जोफ्रेड की मौत के बाद राल्फ्रेड ने अपनी माँ को फोन किया था। उसने बताया कि उसकी तबीयत ठीक हो रही। इसके बाद उसने जोफ्रेड के बारे में पूछा। घरवालों ने मौत की बात छिपाते हुए कहा कि उसे दिल्ली के अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है। ग्रेगरी और उनकी पत्नी मेरठ के सेंट थॉमस स्कूल में शिक्षक हैं। मूल रूप से केरल का रहने वाला यह दंपती 90 के दशक में मेरठ आकर बस गया था।