एक मुस्लिम महिला ने केरल हाईकोर्ट का रुख किया है, ताकि उसे तलाक के बाद ‘इद्दाह’ से छुटकारा मिल सके। बता दें कि इस्लाम में ‘इद्दाह’ का नियम है, जिसके तहत किसी भी महिला को अपने शौहर से तलाक लेने के बाद 90 दिनों तक इंतजार करना पड़ता है। इन 90 दिनों में वो किसी अन्य पुरुष से शादी निकाह नहीं कर सकती है। इस्लाम में जब महिला अपने शौहर को तलाक देती है तो उसे ‘खुला’ कहा जाता है। उक्त महिला तालासेरी की रहने वाली है।
25 वर्षीय मुस्लिम महिला ने केरल उच्च-न्यायालय को बताया कि वो पिछले दो वर्षों से अपने शौहर से अलग रह रही हैं और इस दौरान उसने सेक्स भी नहीं किया है। इस्लाम में ‘इद्दाह’ की अवधि में देखा जाता है कि कहीं महिला गर्भवती तो नहीं है। महिला ने अपनी दलील में कहा है कि चूँकि 2 वर्षों से उसने सेक्स नहीं किया है, इसीलिए इसकी अब कोई ज़रूरत नहीं है। महिला ने कहा कि इसके बदले वो मेडिकल टेस्ट करा कर ये साबित कर सकती है कि वो गर्भवती नहीं है।
केरल हाईकोर्ट में जस्टिस मुहम्मद मुस्ताक और जस्टिस सोफी थॉमस की पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई दी। 19 नवंबर, 2021 को केरल की एक फैमिली कोर्ट ने महिला को फिर से निकाह करने से रोक दिया था। अब उच्च-न्यायालय ने इस फैसले पर रोक लगा दी है। बता दें कि इस्लाम में अदालत से बाहर होने वाली तलाक की प्रक्रिया जिसकी शुरुआत महिला ने की हो, उसे ‘खुला’ कहते हैं। ‘खुला’ के बाद ‘इद्दाह’ भी अनिवार्य है। इसी साल अप्रैल में केरल हाईकोर्ट ने ‘खुला’ की वैधता को सही ठहराया था।
महिला ने अधिवक्ता टीपी साजिद के माध्यम से केरल हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। जुलाई 2017 में महिला का निकाह हुआ था। जून 2019 से वो अपने शौहर से अलग रह रही हैं। असल में महिला को अपने शौहर के फोन में किसी अन्य महिला के अश्लील मैसेज मिले थे। दोनों की अंतरंग बातचीत चल रही थी। उसके बाद महिला ने इस पर आपत्ति जताई। ऐसा करने पर शौहर गुस्सा गया और उसने महिला को उसके एक साल के बेटे को घर से बाहर निकाल दिया।
BREAKING: A Muslim woman has approached Kerala HC seeking exemption from the mandatory 90-day waiting period, termed ‘Iddah’, for remarrying after divorcing her husband through "Khula" & the Court has granted a stay on the Lower Courts order which barred her from remarrying.
— LawBeat (@LawBeatInd) December 18, 2021
याचिका में न सिर्फ तलाक, बल्कि सोने के गहने वापस करने और मेंटेनेंस के लिए रुपए देने की माँग भी की गई है। फरवरी 2020 से ही तालासेरी फैमिली कोर्ट में इस सम्बन्ध में याचिका पेंडिंग है। 21 अक्टूबर को महिला ने अपने शौहर को ‘खुला’ के तहत नोटिस भेजा। लेकिन, एर्नाकुलम के फ़ैलीमी कोर्ट ने पति द्वारा दायर याचिका में ‘दाम्पत्य अधिकारों’ की बात पर महिला को दूसरी शादी में घुसने से रोक दिया। ‘खुला’ के तहत सुनाए गए इस फैसले को रोक दिया गया है।