पालघर साधु लिंचिंग का 55 वर्षीय आरोपित निकला कोरोना पॉजिटिव, 23 पुलिसकर्मी सहित 43 अन्य किए गए क्वारंटाइन

पालघर में दो साधुओं की सैकड़ों की भीड़ ने पुलिस के सामने हत्या कर दी

पालघर में हुए दो नागा साधु और उनके ड्राइवर के लिंचिंग के आरोप में गिरफ्तार किए गए 110 आरोपितों में से एक 55 वर्षीय आरोपित कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है। जिसके बाद 23 पुलिसकर्मियों के साथ 43 अन्य लोगों को तत्काल क्वारंटाइन कर दिया गया है।

मामले की पुष्टि करते हुए पालघर ग्रामीण अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. दिनकर गावित ने बताया कि पालघर लिंचिंग केस में एक 55 वर्षीय आरोपित को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है, वह वाड़ा पुलिस थाने में कस्टडी में था। साथ ही आरोपित के संपर्क में आए 43 लोगों को क्वारंटाइन किया जा रहा है। इनमें 23 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। सभी के सैंपल लेकर उन्हें जाँच के लिए भेजा गया है।

डॉ. गावित ने जानकारी देते हुए कहा कि 28 अप्रैल की सुबह आरोपित के गले का स्वाब टेस्ट लिया गया था, जिसमें वह नेगेटिव पाया गया था, लेकिन शनिवार सुबह एक बार फिर टेस्ट किया गया तो इसमें आरोपित कोरोना पॉजिटिव पाया गया। इसके बाद उसे आरएच में भर्ती कराया गया था, मगर उच्च अधिकारियों से अनुमति लेने के बाद आरोपित मरीज को मुंबई के जेजे अस्पताल के जेल वार्ड में स्थानांतरित किया गया है।

दरअसल, आरोपित दहानु में दिव्य-वाकीपाड़ा का रहने वाला है, जिसे 17 अप्रैल को कासा पुलिस ने गिरफ्तार किया था और तब से वह साधुओं की हत्या के मामले में 20 अन्य आरोपियों के साथ वाडा पुलिस लॉकअप में बंद था। वहीं मामले में गिरफ्तार शेष आरोपितों को पुलिस ने वाडा, दहानू, कासा, विक्रमगढ़, तलासरी और अन्य पुलिस थानों के लॉकअप में रखा है ताकि कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण भीड़भाड़ से बचा जा सके।

महाराष्ट्र में लगातार बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या के बीच आई इस खबर ने पुलिस प्रशासन के साथ प्रदेश सरकार को भी चिंता में डाल दिया है। आपको बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में कोरोना से मरने वालों की संख्या 485 है, जबकि इससे संक्रमित लोगों की संख्या 11506 हो गई है। राहत की बात यह है कि संक्रमित लोगों में से 1879 मरीज ठीक होकर वापस अपने घरों को जा चुके हैं।

गौरतलब है कि 16 अप्रैल 2020 को जूना अखाड़े से जुड़े दो साधु 70 वर्षीय कल्पवृक्ष गिरि महाराज और 35 वर्षीय सुशील गिरि महाराज अपने ड्राइवर 30 वर्षीय नीलेश तेलगेडे के साथ एक अन्य साधु के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मुंबई से गुजरात जा रहे थे। इसी बीच पालघर जिले के गढ़चिंचले गाँव के 200 से अधिक लोगों की भीड़ ने इकठ्ठा होकर साधुओं पर हमला किर दिया था। इस दौरान भीड़ ने दोनों साधुओं के साथ उनके एक ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।

इस मामले में पुलिस ने लिंचिंग की धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए 110 लोगों को गिरफ्तार किया था। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र पुलिस को नोटिस जारी किया है साथ ही चार सप्ताह में संबंधित रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं। जानकारी के मुताबिक घटनास्थल वाला गाँव और इलाका आदिवासी बहुल है और ग्रामीणों में ज़्यादातर ईसाई समुदाय के हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया