आंध्र प्रदेश के जिला कुरनूल में चट्टीवेदु ग्राम चगल्लामारी मंडल के पादरी उप्पलपति रवींद्र प्रसन्ना कुमार को चर्च में दो नाबालिग अनुसूचित जाति की लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह घटना 6 अक्टूबर की है, लेकिन पुलिस ने 12 नवंबर को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के हस्तक्षेप के बाद इस मामले में शिकायत दर्ज की थी। कुरनूल पुलिस ने पादरी के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
Full Details in English regarding the arrest of a Pastor for abusing 2 minor girls in Kurnool, AP.
— Prerna Thiruvaipati 🇮🇳 (@PrernaThiruvaip) November 13, 2021
Thank you @NCPCR_ @KanoongoPriyank Ji, @lawinforce @SCSTForum Acharya @SanjeevSanskrit Ji & who worked behind the scenes to ensure the arrest of Pastor Ravindar Prasanna Kumar. pic.twitter.com/uhrOlDBPkC
ऑपइंडिया ने इस मामले की जानकारी के लिए एससी-एसटी महिला एवं बाल अधिकार कार्यकर्ता और दलित शोधकर्ता प्रेरणा तिरुवैपति से संपर्क किया। तिरुवैपति ने बताया कि उन्होंने एनसीपीसीआर से संपर्क किया था, क्योंकि पुलिस मामला दर्ज नहीं कर रही थी और कथित तौर पर मामले को अदालत के बाहर निपटाने की कोशिश कर रही थी।
प्रेरणा ने आगे बताया कि दोनों लड़कियों के पिता नहीं हैं। 6 अक्टूबर 2021 को चर्च के अंदर इस घटना को अंजाम दिया गया था। अगले दिन यानी 7 अक्टूबर को दो नाबालिग लड़कियों (8 साल और 6 साल) की माँ ने पादरी रवींद्र प्रसन्ना कुमार और उसकी महिला दोस्त के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए पुलिस से संपर्क किया था। पादरी की महिला दोस्त जब इस घटना को अंजाम दिया गया, उस समय वह चर्च (Covenant Church) के अंदर मौजूद थी।
उन्होंने कहा कि चागल्लामारी मंडल पुलिस स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर मारुति ने कथित तौर पर मामले में शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया था। माँ ने आरोप लगाया है कि एसआई ने आरोपित से एक लाख रुपए की रिश्वत ली थी। उन्होंने माँ को अदालत के बाहर मामले को सुलझाने के लिए दबाव डाला था।
प्रेरणा को 12 नवंबर को इस घटना के बारे में तब पता चला जब उन्हें लड़कियों का तेलुगु में एक वीडियो मिला। वे इस वीडियो में अपनी आपबीती बता रही थीं। इसका अनुवाद कराने और मामले के बारे में सारी जानकारी एकत्र करने के बाद, प्रेरणा ने ईमेल के माध्यम से एनसीपीसीआर से संपर्क किया। एनसीपीसीआर ने 12 नवंबर को ही मामले पर संज्ञान लिया और कुरनूल पुलिस को पादरी को तुरंत गिरफ्तार करने का निर्देश दिया। कुरनूल पुलिस ने पादरी को 12 नवंबर और 13 नवंबर की रात करीब 1:30 बजे सेट्टीवेदु बस स्टैंड के पास उसके आवास से गिरफ्तार किया।
पादरी उप्पलपति रवींद्र प्रसन्ना कुमार को हाल ही में राष्ट्रीय ईसाई बोर्ड कुरनूल, आंध्र प्रदेश के जिलाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था।
लीगल राइट्स प्रोटेक्शन फोरम और एससी-एसटी राइट्स फोरम ने इस मामले की पृष्ठभूमि को लेकर मिलकर काम किया था। एससी-एसटी राइट्स फोरम के हवाले से एक ट्वीट में, एलआरपीएफ ने कहा, “पादरी उप्पलपति रवींद्र प्रसन्ना कुमार को उनके चर्च में मासूम नाबालिग एससी लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने आरोप में पॉक्सो अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था।”
Pastor Uppalapati Ravindra Prasanna Kumar was arrested by Kurnool (AP) Police last night under POCSO Act for committing Sexual Harassment against Minor SC girls.
— SC ST RIGHTS FORUM (@SCSTForum) November 13, 2021
He is the head of Covenant Church & District President for National Christian Board, Andhra Pradesh Chapter. (1/2) pic.twitter.com/u80BEJOtZs
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब एसआई मारुति अपने व्यवहार को लेकर सुर्खियों में हैं। इससे पहले अप्रैल 2020 में कोविड-19 के कारण देश में लगे लॉकडाउन के दौरान एसआई मारुति ने कथित तौर पर ‘लॉकडाउन का उल्लंघन’ करने पर सेना के एक जवान की पिटाई की थी।