हाल ही में एक दिल दहला देने वाली ख़बर सामने आई थी कि केरल के मल्लपुरम ज़िले में माता-पिता की सहमति से 12 साल की बच्ची के साथ 30 लोगों ने बलात्कार किया। इस मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है। हैरान कर देने वाली बात यह है कि एक अबोध बच्ची के साथ महज़ 10 वर्ष की उम्र से दुष्कर्म की घिनौनी हरक़त को अंजाम दिया जा रहा था, वो भी उसके माता-पिता की रज़ामंदी से और बच्ची का दिल आज भी अपने उन्हीं बेरहम माँ-बाप के लिए धड़कता है! यही वजह है कि जब बच्ची को शेल्टर होम ले जाया जा रहा था तो उसने घर के दरवाज़े पर चॉक से लिखा, ‘सॉरी अम्मा’।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया के रिपोर्टर की पीड़िता बच्ची के काउंसलर से हुई बातचीत के आधार पर पता चला है कि जिस माँ-बाप ने उस बच्ची के बचपन को दरिंदगी से भर दिया, उनके लिए उस मासूम के दिल में न कोई गिला है और न कोई शिक़वा। अगर कुछ है तो वो है आत्मग्लानि!
आत्मग्लानि इस बात की कि अगर उसके पिता को सज़ा हुई तो घर का गुज़ारा कैसे चलेगा। घर में बीमार बूढ़ी दादी है, माँ है, किराए का कमरा है, घर की आर्थिक स्थिति बेहद ख़राब। इन सबसे निपटने का एकमात्र सहारा उसके पिता हैं, अगर उसके पिता को किसी भी तरह की कोई हानि हुई तो उसका ख़ामियाज़ा घर को भुगतना पड़ेगा। उसे दु:ख है तो केवल इस बात का कि अब वो अपने परिवार की कोई आर्थिक मदद नहीं कर पा रही है।
एक 12 साल की अबोध बच्ची इस बात से बिलकुल बेख़बर है कि उसके पिता ने उसके मासूम बचपन को न सिर्फ़ ठगा है बल्कि उसके जीवन में वो ज़हर घोला है, जिसे भुला पाना असंभव है। इतने के बाद भी बच्ची का दिल पिता के साथ कोई अप्रिय घटना के नाम पर सिहर उठता है। जिस पिता ने अपनी ही मासूम बच्ची के जिस्म का सौदा एक बार नहीं कई बार किया, उस पिता की गिरफ़्तारी के नाम पर वही बच्ची ढाह भरकर रोती है, बिलखती है।
ख़बर के अनुसार, पड़ोस में रहने वाली एक महिला ने बताया कि उन्हें अक्सर बच्ची के चीखने और रोने की आवाज़े आती थीं, रात भर उसके घर लोगों का आना-जाना लगा रहता था। लेकिन पारिवारिक मामला होने की वजह से किसी ने कोई दखल नहीं दिया।
ग़ौरतलब है कि यह मामला तब सामने आया जब स्थानीय लोगों ने स्कूल के ‘पेरेंट्स टीचर्स एसोसिएशन’ को इस बारे में बताया। क्योंकि शिक्षकों ने पाया था कि वह कई दिनों तक क्लास में अनुपस्थित रहती थी और मानसिक रूप से काफ़ी परेशान लग रही थी। तब स्कूल ने इसकी सूचना चाइल्डलाइन अथॉरिटी को दी थी। अथॉरिटी के सदस्यों ने जब लड़की से पूछताछ की, तब उसके साथ बलात्कार और यौन शोषण का मामला सामने आया।
इसके बाद पीड़िता को चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के समक्ष पेश किया गया, जहाँ से उसे चिल्ड्रन शेल्टर होम भेज दिया गया है। रविवार (सितम्बर 22, 2019) को पुलिस ने इस सम्बन्ध में मामला दर्ज किया और उसी दिन पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश होकर अपना बयान दर्ज कराया। फ़िलहाल, तीनों आरोपितों को जुडिशल कस्टडी में भेजा जा चुका है।
चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के अध्यक्ष ने बताया कि इस पूरे मामले में पीड़िता का पिता ही सबसे ज्यादा दोषी है। उन्होंने बताया कि लड़की के माता-पिता ने अपनी बेटी के साथ बलात्कार करने के लिए सहमति दी। चूँकि, इस मामले में कई लोग आरोपित हैं, कमिटी ने पुलिस से बड़े स्तर पर जाँच करने की अपील की।
यह एक ऐसा दर्दभरा वाकया है, जिस पर हर उस शख़्स को शर्मसार होना चाहिए जो मासूम बच्चों के कोमल मन को अपने निजी स्वार्थ की भेंट चढ़ा देते हैं। सच पूछो तो धिक्कार है ऐसे माता-पिता पर जो सुरक्षा कवच बनने की बजाए अपने ही बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को निगल लेते हैं।