प्राइवेट ट्यूटर मोहम्मद मुर्तुजा ने किया 6 वर्षीय दलित बच्ची का बलात्कार, FIR दर्ज, आरोपित फरार

बिहार के बेगूसराय में बलात्कार का मामला (प्रतीकात्मक चित्र)

बेगूसराय में एक प्राइवेट ट्यूटर द्वारा 6 वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार करने का मामला सामने आया है। दलित परिवार से आने वाली छात्रा को मुस्लिम समुदाय से आने वाले एक शिक्षक ने हवस का शिकार बनाया। इस बात का पता परिवार को तब चला जब पीड़ित बच्ची ने ट्यूशन जाने से मना कर दिया। उसके बाद अपनी माँ के पूछने पर उसने असली वजह बताई। इसकी शिकायत घटना के 7 दिन बाद दर्ज कराई गई। एसपी का कहना है कि इतने दिन बाद शिकायत आने से कुछ अहम सबूतों के गायब होने का ख़तरा रहता है।

पुलिस द्वारा सबूत मिटने की आशंका से इस बात को बल मिलता है कि दोषी सज़ा से ही बच जाए। ये घटना खोदावंदपुर की है। मामला दो समुदायों के बीच का होने के कारण क्षेत्र में तनाव व्याप्त है। बच्ची ने अपनी माँ को बताया था कि उसके पेट में दर्द रहता है और फिर उसने शिक्षक के कुकृत्यों के बारे में बताया। आरोपित का नाम मोहम्मद मुर्तुजा है। बच्ची कुछ दिनों से उसके पास पढ़ने जाने में आनाकानी कर रही थी। परिवार द्वारा सख्ती करने के बाद उसने सारी बात बताई।

बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पीड़ित परिवार से मुलाक़ात कर हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। बजरंग दल ने इस घटना के सम्बन्ध में स्पीडी ट्रायल के माध्यम से दोषी को सज़ा देने की माँग की। पुलिस आरोपित की गिरफ़्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। अपने ख़िलाफ़ मामला दर्ज होते ही आरोपित परिजनों सहित घर छोड़ कर फरार हो गया है। पीड़ित बच्ची के बयान से पता चला कि शिक्षक मुर्तुजा होमवर्क कराने के बहाने कमरे में ले जाता था और वहाँ उसका यौन शोषण करता था।

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पीड़िता की माँ की शिकायत के बाद गाँव में पंचायत भी बैठी। पंचायत में न्याय नहीं मिलने पर आक्रोशित परिजन थाना पहुँचे। पीड़ित बच्ची को मेडिकल टेस्ट के लिए सदर अस्पताल भेजा गया है। पुलिस अभी तक आरोपित को गिरफ़्तार नहीं कर पाई है, इसीलिए लोग आक्रोशित हैं। पीड़िता के चाचा ने स्वराज्य की पत्रकार स्वाति गोयल शर्मा को बताया कि मुर्तुजा इससे पहले भी कई छात्रों का यौन शोषण कर चुका है लेकिन अपनी इज्जत के कारण पीड़ित परिवारों ने मामले को दबा दिया।

मुर्तुजा के रिश्तेदार अख्तर के घर पर जब पीड़िता गई तो उसने पीड़ित परिवार को सलाह दी कि इस मामले को दबा कर रखो क्योंकि इससे ‘उन लोगों पर ही कींचड़ उछलेगा।’ मुर्तुजा ने गाँव के द्वारा दी जाने वाली किसी भी सज़ा को मानने से इनकार कर दिया। इसके बाद गाँव में पंचायत बैठी, जिसमें सिर्फ़ हिन्दू ही शामिल हुए। कोई भी मुस्लिम वहाँ नहीं पहुँचा। पीड़िता व उसके परिजन अभी भी न्याय के इन्तजार में हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया