‘प्रीति’ रेड्डी केस: खेत में घसीट कर बारी-बारी से किया रेप, ट्रक में लाश डाल खरीदा था पेट्रोल-डीजल

'जलाया तो... लेकिन पूरी तरह जली या नहीं' - कोई दरिंदा ही ऐसा सोच सकता है!

डॉ. प्रीति (बदला हुआ नाम) रेड्डी हत्याकांड से जुड़े तथ्य पुलिस द्वारा कड़ाई से अभियुक्तों से पूछताछ में निकल कर सामने आ रहे हैं। हालिया जानकारी के मुताबिक अभियुक्तों ने प्रीति रेड्डी के मुँह पर कपड़ा बाँध दिया था ताकि उनकी चीखें लोग सुन न लें। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक यह ‘तरकीब’ भी मुख्य अभियुक्त मो. आरिफ (मीडिया रिपोर्टों में पहले प्रकाशित नाम मो. पाशा था, जिसे अब मोहम्मद आरिफ़ कर दिया गया है) का ही था।

अपराधियों ने बार-बार सामूहिक बलात्कार करने के बाद अंत में मुँह और नाक दबाकर प्रीति रेड्डी की हत्या कर दी। इसके पहले, मीडिया खबरों के मुताबिक, पशु चिकित्सक डॉ. प्रीति ने अपनी जान बख्श देने की भी भीख माँगी थी। उनकी हत्या के बाद मो. आरिफ़, मरवीन, केशवा और रिवा (सभी नाम बदले हुए, क्योंकि इनमें से कोई एक नाबालिग होने की संभावना है) उनकी लाश एक ट्रक में डालकर हाइवे पर लेकर आए। यही नहीं, उन्होंने लाश को जलाने के लिए एक पेट्रोल पम्प से पेट्रोल और डीजल दोनों ही खरीदे– वह भी ट्रक में लाश रखकर।

बाद में एक सुनसान अंडरपास मिलने पर उन्होंने डॉ. रेड्डी की मृत देह को वहीं फेंका और पेट्रोल छिड़क कर आग के हवाले कर दिया। इन चारों को पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हिरासत में लिया था।

इनसे हुई पूछताछ में पता चला है कि सवा नौ बजे रात के आसपास जिस समय डॉ. प्रीति ने अपनी बहन को फ़ोन किया था कि उन्हें डर लग रहा है, उसी समय मोहम्मद आरिफ़ ने उनके पास आकर उनका स्कूटी सही कराने में सहायता की पेशकश की थी। इसके पहले वह उन्हें स्कूटी को टोल प्लाजा पर खड़ा कर कैब करता देख कर अपने साथियों के साथ उनके बलात्कार और हत्या का प्लान बना चुका था और इसके लिए उसने उनके स्कूटी का एक टायर भी मौका लगाकर पंचर कर दिया था। उसका साथी रिवा कथित तौर पर स्कूटी को सही कराने के लिए लेकर निकला और बाकियों ने डॉ. प्रीति पर हमला कर दिया।

वे उन्हें घसीट कर ट्रकों के पीछे एक खाली पड़े खेत में ले गए जहाँ उन्होंने उनके साथ बलात्कार किया। इसके बाद शिवा, जो स्कूटी लेकर सही कराने के बहाने निकला था, ने भी लौटकर बलात्कार किया। पुलिस के अनुसार डॉ. प्रीति की हत्या रात के 10 बजे के थोड़ी देर बाद हुई और उनकी लाश को आग 2-3 बजे के बीच में लगाई गई।

साइबराबाद के कमिश्नर वीसी सज्जनर के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में पीड़िता को देखने के बाद रात के 3 बजे परिवार की तहरीर पर एफआईआर लिखी और 5 बजे तक इलाके की सभी पंचर की दुकानों को देख डाला, लेकिन न ही डॉ. प्रीति रेड्डी और न ही उनकी स्कूटी का कोई सुराग मिला। उनकी अधजली लाश सुबह 7 बजे मिली।

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