नाबालिग लड़की के साथ पिता/दादा को सार्वजनिक तौर पर शर्मिंदा… जुबैर का ट्वीट नहीं हटा रहा ट्विटर, NCPCR गई हाई कोर्ट

प्रोपेगेंडा वेबसाइट ‘ऑल्टन्यूज़’ का सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर

ऑल्टन्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर का एक विवादित ट्वीट है। ट्विटर ने इसे हटाने से इनकार कर दिया है। इस मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। आयोग ने याचिका में आरोप लगाया गया है कि जुबैर का ट्वीट विभिन्न कानूनों का उल्लंघन है, इसलिए इसे हटाने के लिए कोर्ट ट्विटर को आदेश दे।

NCPCR के चेयरपर्सन प्रियांक कानूनगो की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने पिछले साल अगस्त 2020 में जुबैर के खिलाफ मामला दर्ज किया था। शिकायत में 6 अगस्त 2020 को जुबैर द्वारा किए गए एक ट्वीट का हवाला दिया गया था। उस ट्वीट में एक नाबालिग लड़की की तस्वीर थी। उस बच्ची का चेहरा तो ब्लर किया गया था लेकिन उसे उसके दादाजी (जुबैर ने अपने ट्वीट में यही लिखा था, मीडिया रिपोर्ट में वो बच्ची के पिताजी बताए गए हैं) के साथ खड़ा दिखाते हुए शब्दों के साथ नीचा दिखाने की कोशिश की थी।

https://twitter.com/KanoongoPriyank/status/1292076822683779072?ref_src=twsrc%5Etfw

इस मामले में पिछले साल हाई कोर्ट ने जुबैर को राहत देते हुए पुलिस को उसके खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से रोक दिया था। अब हाई कोर्ट में NCPCR ने इस मामले में एक हलफनामा दाखिल किया है। इसमें ऑल्टन्यूज़ के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर के ट्वीट पर कार्रवाई को लेकर दिल्ली पुलिस और ट्विटर को पत्र लिखकर इस मामले में की गई कार्रवाई के बारे में पूछा गया।

दिल्ली पुलिस ने NCPCR को बताया कि उसने 17 फरवरी को ट्विटर के खिलाफ आईपीसी की धारा 175 के तहत पटियाला हाउस कोर्ट में बार-बार याद दिलाने के बावजूद माँगी गई जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के मामले में याचिका दायर की है। इस मामले में पुलिस ने ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी और इसके तत्कालीन प्रबंध निदेशक (इंडिया ऑपरेशन) मनीष माहेश्वरी के खिलाफ कार्रवाई की माँग की थी।

ट्विटर ने इस साल अगस्त में बताया था कि ऑल्टन्यूज़ के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर के ट्वीट में बच्ची की तस्वीर पिक्सलेटेड या धुंधली है। कंपनी ने यह भी बताया कि फोटो की समीक्षा करने के बाद उसने इस ट्वीट को हटाने से इनकार कर दिया था।

NCPCR ने इस मामले में ट्विटर को विवादित पोस्ट को हटाने की माँग करते हुए कहा, “ट्विटर कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग नहीं कर रहा है और विवादित पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई नहीं करके देश के कानून का पालन नहीं कर रहा है।”

गौरतलब है कि फैक्ट चेकिंग के नाम पर लोगों की निजी और गोपनीय जानकारियाँ सार्वजानिक करने के लिए कुख्यात समूह ऑल्टन्यूज़ के संस्थापकों में से एक मोहम्मद जुबैर ने 7 अगस्त 2020 को जगदीश सिंह नाम के एक ट्विटर यूजर को सार्वजनिक रूप से शर्मिंदा कर रहा था। ऐसा करते हुए तब उसने एक नाबालिग लड़की की तस्वीर को भी सार्वजानिक कर दिया था। इस बच्ची को उसने उन्हीं ट्विटर यूजर जगदीश सिंह की पोती बताया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया