भारत सरकार और ट्विटर के बीच नए आईटी नियमों को लेकर विवाद अब थम गया है। दरअसल, तमाम विरोधों के बाद माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन का पालन करने के लिए राजी हो गया है। ट्विटर के एक प्रवक्ता ने सोमवार (31 मई 2021) को कहा, ”ट्विटर भारत में लागू कानूनों का पालन करने का प्रयास करता है। हम पारदर्शिता के सिद्धांतों, हर आवाज को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता और भारतीय कानून के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और गोपनीयता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
Twitter strives to comply with applicable laws in India. We continue to be strictly guided by principles of transparency, a commitment to empowering every voice on the service, and protecting freedom of expression and privacy under the Indian law: Twitter Spokesperson
— ANI (@ANI) May 31, 2021
आज दोपहर में इस मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस रेखा पल्ली की एकल न्यायाधीश पीठ ने ट्विटर को नोटिस जारी करते हुए मामले की अगली सुनवाई में जवाब देने के लिए कहा था। बता दें कि मामले की अगली सुनवाई 6 जुलाई को है। कोर्ट ने यह आदेश वकील अमित आचार्य की उस याचिका पर दिया है, जिसमें उन्होंने तय समय सीमा में ट्विटर इंडिया और ट्विटर आईएनसी को केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए नए आईटी नियमों 2021 को तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश देने की माँग की थी।
Delhi High Court issues notice to Twitter Inc on a petition against it for alleged non-compliance with the Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Rules, 2021 pic.twitter.com/0Du92VbUM0
— ANI (@ANI) May 31, 2021
मालूम हो कि इससे पहले व्हाट्सएप भी भारत सरकार के नए नियमों को लागू करने के पक्ष में नहीं था। हालाँकि, बाद में उसने भी नई गाइडलाइन को लागू कर लिया है। वहीं, फेसबुक और गूगल ने भी बिना किसी विरोध के नई गाइडलाइन को लागू किया है।
बता दें कि नई गाइडलाइन को मानने से पहले ट्विटर का कहना था कि नए आईटी नियमों में ऐसे तत्व हैं जो स्वतंत्र बातचीत को रोकते हैं। ट्विटर ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खतरा मानते हुए चिंता जताई थी। वहीं, केंद्र सरकार ने गुरुवार (27 मई 2021) को ट्विटर पर कड़ा पलटवार करते हुए कहा था कि अमेरिका स्थित माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म भारत में अपनी शर्तों को निर्धारित करने की कोशिश कर रहा है और देश की कानूनी व्यवस्था को भी कमजोर करना चाहता है।