डासना मंदिर में घुसे संदिग्धों से जुड़े हैं धर्मांतरण वाले मौलानाओं के तार, सलीमुद्दीन कॉमन फैक्टर

डासना मंदिर के संदिग्धों से जुड़े हैं धर्मांतरण के तार

उत्तर प्रदेश एटीएस ने धर्मांतरण कराने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए मुफ्ती काजी जहाँगीर आलम कासमी और मोहम्मद उमर गौतम को गिरफ्तार किया था। इनके तार गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में घुसे संदिग्ध विपुल विजयवर्गीय और कासिफ से जुड़ रहे हैं। इतना ही नहीं डासना मंदिर प्रकरण में गिरफ्तार हुए सलीमुद्दीन का नाम भी धर्मांतरण वाले प्रकरण में आ रहा है।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार धर्मांतरण प्रकरण में गिरफ्तार मौलानाओं की जानकारी विजयवर्गीय, कासिफ और सलीमुद्दीन से ही मिली थी। दैनिक जागरण ने उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के हवाले से बताया है कि 2 जून को डासना मंदिर में घुसने की कोशिश करने के दौरान विपुल विजयवर्गीय उर्फ रमजान और कासिफ को पकड़ा गया था। इनके पास से सर्जिकल नाइफ बरामद की गई थी। आसिफ ने अपना नाम काशी गुप्ता बताया था।

मूलरूप से नागपुर के रहने वाले विपुल ने कुछ साल पहले ही धर्मान्तरण कर रमजान नाम रख लिया था। उसने गाजियाबाद में ही कासिफ की बहन से निकाह भी किया था। उस दौरान दोनों से पूछताछ के दौरान भी एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए धर्मान्तरण के आरोपित उमर और जहाँगीर के नाम सामने आए थे। एटीएस के आईजी जीके गोस्वामी के मुताबिक इससे पहले भी दोनों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन ठोस सबूत नहीं होने के कारण छोड़ दिया जाता था।

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डासना देवी मंदिर में घुसने की कोशिश में गिरफ्तार जीजा-साले रमजान और कासिफ को सलीमुद्दीन ने उकसाया था। सलीमुद्दीन को ये अपना आका मानते हैं। मसूरी पुलिस ने सलीमुद्दीन को 11 जून 2021 को गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल वह जेल से बाहर है। आज तक की रिपोर्ट के अनुसार उसने धर्मांतरण मसले में अपनी भूमिका से इनकार किया है।

सलीमुद्दीन ने ही 2015 में विपुल विजयवर्गीय का धर्मांतरण करवाकर उसे रमजान नाम दिया था। 2019 में रमजान की शादी उसने ही कासिफ की बहन से कराई थी। सलीमुद्दीन के के संबंध धर्मान्तरण के आरोपित मौलाना मोहम्मद उमर गौतम से हैं। उमर गौतम अपनी संस्था के जरिए सम्मेलन कर गैर मुस्लिमों में जहर घोलता था। ऐसे ही एक सम्मेलन में विजयवर्गीय उर्फ रमजान भी शामिल हुआ था। उमर भी गौतम करीब 30 साल पहले धर्मान्तरण कर मुस्लिम बना था। उसका असली नाम श्याम प्रताप सिंह था, जो कि उत्तर प्रदेश के फतेहपुर का रहने वाला है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश एटीएस ने सोमवार (21 जून 2021) को मूक बाधिर छात्रों व कमजोर आय वर्ग के गरीबों-असहायों को धन, नौकरी व शादी करवाने का प्रलोभन देकर धर्मान्तरण कराने वाले एक बड़े गिरोह के दो मौलानाओं मोहम्मद उमर गौतम और जहाँगीर कासिम को गिरफ्तार किया था। इन दोनों पर अब तक करीब 1000 मूक बधिर, महिलाएँ और बच्चों को निशाना बनाकर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है। इस मामले में यूपी पुलिस ने आईएसआई और विदेशी फंडिंग होने का शक भी जताया था।

इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मामले में कड़ा रुख अख्तियार करते हुए धर्मान्तरण के सभी आरोपितों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई करने की बात कही है। उन्होंने जाँच एजेंसियों से मामले की तह तक जाने को कहा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया