धर्मांतरण रैकेट को ₹100+ करोड़ की विदेशी (अमेरिका और इंग्लैंड से भी) फंडिंग: UP ATS की जाँच तेज, कोर्ट को दिया सबूत

धर्मांतरण रैकेट जाँच में उत्तर प्रदेश ATS को मिले अहम सुराग

अवैध धर्मांतरण के दुनिया भर में फैले रैकेट की जड़ों को खंगाल रही उत्तर प्रदेश ATS ने अहम सबूत जुटाए हैं। इस मामले में उत्तर प्रदेश के आरोपितों के नेटवर्क खाड़ी देशों के अलावा अमेरिका और इंग्लैंड से भी जुड़े मिले हैं। इन आरोपितों को अवैध धर्मांतरण के लिए पैसे हवाला रैकेट से पहुँचाए जाते रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस प्रकरण की जाँच कर रही UP ATS ने अब तक 100 करोड़ से भी अधिक अवैध फंडिंग के सबूत जुटा लिए हैं। पकड़े गए आरोपितों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल करते हुए ATS अब तक 89 करोड़ रुपये की फंडिंग की जानकारी भी दे चुकी है।

UP ATS के आरोप पत्र के अनुसार इस पूरे गिरोह का सरगना मौलाना उमर गौतम है, जिसे ब्रिटिश संस्था अल-फला ट्रस्ट से 57 करोड़ की फंडिंग हुई थी। यह पैसा हवाला और अन्य माध्यमों से भेजा गया था। इस आरोप पत्र में कुल 4 अभियुक्तों का जिक्र किया गया है। बाकी 3 आरोपित अवैध धर्मांतरण रैकेट के मुखिया मौलाना उमर गौतम के साथी और सहयोगी हैं।

मौलाना उमर गौतम अवैध धर्मांतरण के लिए पैसा ‘अल-हसन एजुकेशनल एंड वेलफेयर फाउंडेशन’ में मँगाया करता था। मौलाना उमर गौतम को पैसे भेजने वाले स्रोतों ने ही एक अन्य मौलाना कलीम सिद्दीकी को भी 22 करोड़ रुपए भेजे थे। यह पैसे मौलाना कलीम सिद्दीकी के ट्रस्ट ‘जामिया इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट’ में ट्रांसफर किए गए थे।

इसी रैकेट से जुड़े वडोदरा के रहने वाले सलाहुद्दीन को भी पैसे भेजे गए थे। सलाहुद्दीन की संस्था अमेरिकन फेडरेशन ऑफ मुस्लिम ऑफ इंडियन ओरिजिन है। इस संस्था को 5 वर्षों में लगभग 28 करोड़ रुपए मिले थे। सलाहुद्दीन ने ये पैसे उमर गौतम को दे दिए थे।

एक रिपोर्ट के अनुसार उमर गौतम ने भेजे गए पैसे का 60 प्रतिशत हिस्सा ही धर्मांतरण पर खर्च किया। कलीम सिद्दीकी ने नोएडा, मुजफ्फरनगर समेत कई जगहों पर जमीन खरीदा था। बाद में उसे कम दाम में अपने ही करीबियों को बेच दिया था। इस जमीन को उसने ट्रस्ट के नाम पर खरीदा था।

ATS की पूछताछ में आरोपित खर्च किए गए पैसे की जानकारी नहीं दे पाए। ATS द्वारा पकड़े गए आरोपितों के बैंक खातों में अमेरिका, इंग्लैंड व अन्य खाड़ी देशों से हवाला के जरिए पैसे ट्रांसफर हुए हैं। ट्रांसफर हुआ यह अवैध धन करोड़ों में है, जिसकी जाँच जारी है।

ATS की पूछताछ में आरोपित अपनी कमाई के स्रोतों के बारे में भी नहीं बता पाए हैं। जाँच एजेंसी के अनुसार इन पैसों को आरोपितों द्वारा अपने व्यक्तिगत कार्यों में भी खर्च किया गया है। हवाला से मिली इस फंडिंग से अपने लिए चल अचल सम्पत्तियाँ खरीदी गईं हैं। गिरफ्तार हुए 2 आरोपितों के कनेक्शन आतंकी समूह अल क़ायदा से भी बताए जा रहे हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया