उत्तर प्रदेश में मदरसों का सर्वे चल रहा है। इस बीच खबर आई है कि नेपाल सीमा से लगे मदरसों का इस्तेमाल कर आतंकी संगठन जमाअत उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) आतंकवादियों की घुसपैठ कराने की फिराक में हैं। साथ ही सुल्तानपुर जिले में शोभायात्रा पर हुए हमले का भी कनेक्शन एक मदरसे से जुड़ा बताया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कुछ समय पहले ही मुदस्सिर, कामिल और अलीनूर नाम के आतंकियों को UP ATS ने नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया था। बांग्लादेशी आतंकी अलीनूर की गिरफ्तारी के बाद अब UP ATS और पश्चिम बंगाल की STF उसके साथी अब्दुल्लाह ताल्हा की खोज कर रही हैं। ख़ुफ़िया एजेंसियों का मानना है कि अल कायदा से जुड़े एक्यूआईएस, जेएमबी के आतंकी नेपाल बॉर्डर से भारत में घुसपैठ का प्रयास कर सकते हैं। इसके लिए सीमा पर मौजूद मदरसों का इस्तेमाल हो सकता है।
पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार हुए आतंकियों से काफी अहम जानकारियाँ मिली हैं। उनके पास से पेन ड्राइव और अन्य दस्तावेज बरमाद हुए हैं, जिनकी जाँच करवाई जा रही है। पुलिस का कहना है कि आतंकी ताल्हा के अलावा भी कुछ अन्य लोग ATS के रडार पर हैं। गौरतलब है कि पिछले माह ऑपइंडिया ने अपनी ग्राउंड रिपोर्ट में भारत नेपाल बॉर्डर पर कई मदरसों की जानकारी दी थी। बाद में सरकार द्वारा करवाई गई जाँच में कई मदरसे बिना मान्यता के चलते पाए गए थे।
सुल्तानपुर हिंसा में मदरसा कनेक्शन
एक अन्य घटनाक्रम में 10 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में माँ दुर्गा के प्रतिमा विसर्जन पर हुए हमले का भी मदरसा कनेक्शन सामने आया है। इंडिया TV के मुताबिक पथराव करने वाले आरोपित उसी मदरसे के छात्र हैं, जहाँ से हिंसा शुरू हुई थी। पुलिस ने अब तक कुल 32 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। विसर्जन जुलूस पर पत्थर फेंकने वाले कुल 35 आरोपित चिन्हित किए गए हैं। इस हिंसक घटना में कुल 51 नामजद आरोपितों पर FIR दर्ज हुई है।
इस घटना का CCTV फुटेज भी सामने आया है, जिस से माना जा रहा है कि हमले की तैयारी पहले ही की गई थी। आरोप है कि पथराव से पहले ईंट और पत्थर जमा किए गए और हमले के दौरान प्लानिंग के तहत बिजली गुल कर दी गई थी। एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक मदरसे के मौलाना ने ही भीड़ को शोभायात्रा पर हमले के लिए उकसाया था।
UP के मदरसों का 15 नवम्बर तक सर्वे पूरा
एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार पूरे प्रदेश के मदरसों पर हुए सर्वे की रिपोर्ट 15 नवम्बर 2022 तक उत्तर प्रदेश शासन सौंप दी जाएगी। पहले यह समय सीमा 25 अक्टूबर की थी। प्रदेश में अब तक कुल 6436 ऐसे मदरसे चिन्हित किए गए हैं जो बिना मान्यता के चल रहे थे। इसमें से 5170 मदरसों का सर्वे पूरा हो चुका है।
उत्तर प्रदेश सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह के मुताबिक सर्वे का काम 10 सितम्बर से शुरू हुआ था। उन्होंने बताया कि मदरसों का सर्वे अल्पसंख्यक समाज के बच्चों को गुणवत्तायुक्त व बेहतर शिक्षा उपलब्ध करवाने के मद्देनजर करवाया जा रहा है।