पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा के साथ शुरू हुई राजनीतिक हिंसा का दौर अभी भी जारी है। राज्य में एक और भाजपा कार्यकर्ता की कथित तौर पर हत्या कर दी गई है। काकद्वीप विधानसभा क्षेत्र में माधवनगर के सक्रिय भाजपा पदाधिकारी 36 वर्षीय समरेश पाल सोमवार (26 जुलाई 2021) को मृत पाए गए।
https://twitter.com/BJP4Bengal/status/1419621542816718849?ref_src=twsrc%5Etfwभाजपा ने दावा किया कि पाल की हत्या सत्तारूढ़ तृणमूल कॉन्ग्रेस पार्टी के गुंडों ने की है। भाजपा ने ट्वीट कर कहा कि इस घटना से साबित होता है कि राज्य में कोई कानून-व्यवस्था नहीं है।
https://twitter.com/SuvenduWB/status/1419658167261097990?ref_src=twsrc%5Etfwसत्तारूढ़ सरकार पर विपक्षी कार्यकर्ताओं की राजनीतिक सफाई का आरोप लगाते हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि पाल को लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रयोग करने में विश्वास करने के कारण अपने जीवन का बलिदान देना पड़ा। उन्होंने इस हत्या के पीछे टीएमसी गुंडों का हाथ बताया।
पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा
अपने राजनीतिक विरोधियों पर काबू करने के लिए हिंसा को एक साधन के रूप में इस्तेमाल करना पश्चिम बंगाल में टीएमसी शासन की विशेषता बन गई है। जब से ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी पार्टी राज्य में सत्ता पर काबिज है, तब से असंतुष्टों और विपक्षी कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न तेज हुआ है।
चुनाव के बाद राज्य से राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ बड़ी संख्या में हिंसा की खबर सामने आ रही हैं। ऐसी घटनाओं में बड़ी संख्या में पीड़ित भाजपा समर्थक और कार्यकर्ता हैं, जबकि आरोपित टीएमसी पार्टी के समर्थक बताए गए हैं। विधानसभा चुनावों में टीएमसी पार्टी की जीत के बाद चुनाव में हुई हिंसा में एक दर्जन से अधिक भाजपा कार्यकर्ता अपनी जान गँवा चुके हैं।
राज्य में जारी राजनीतिक हिंसा ने भाजपा पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं और समर्थकों को परिवारों के साथ अपने गाँवों से पलायन करने के लिए मजबूर कर दिया। वे असम चले गए, जहाँ उन्हें मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की देखरेख में अस्थायी आश्रय प्रदान किया गया। सिर्फ भाजपा ही नहीं, बल्कि माकपा ने भी टीएमसी पर अपने कार्यकर्ताओं की हत्या का आरोप लगाया है। मीडिया में BSF जवानों पर हमले की खबरें भी सामने आई हैं।