शिरडी के साईबाबा मंदिर न्यास की ओर से श्रद्धालुओं को ‘सभ्य तरीके से’ कपड़े पहनकर आने की अपील के बीच ‘सामाजिक कार्यकर्ता’ तृप्ति देसाई ने पूछा है कि श्रद्धालुओं और पुजारियों के लिए दोहरे मापदंड क्यों हैं।
मंगलवार (दिसंबर 1, 2020) की शाम एक वीडियो संदेश में देसाई ने कहा कि मंदिर न्यास द्वारा श्रद्धालुओं के लिए इस प्रकार के बोर्ड लगाया जाना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार के खिलाफ है।
Why civilised dress must only for devotees, not priests, asks social activist Trupti Desai against the backdrop of Shirdi Saibaba temple trust’s appeal to devotees to be dressed in ‘civilised manner’
— Press Trust of India (@PTI_News) December 2, 2020
देसाई ने यह भी कहा कि यदि बोर्ड नहीं हटाए जाएँगे तो वह और अन्य कार्यकर्ता महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित शिरडी जाकर बोर्ड को हटा देंगे। श्री शिरडी साईबाबा संस्थान न्यास के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कान्हुराज बगाते ने मंगलवार को कहा कि न्यास ने केवल श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे सभ्य तरीके की पोशाक पहनकर वहाँ आए। कान्हुराज ने कहा कि उन्होंने वेशभूषा को लेकर कोई नियम नहीं थोपा है।
उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं द्वारा शिकायत की गई थी कि कुछ लोग आपत्तिजनक कपड़े पहनकर मंदिर में आते हैं जिसके बाद यह अपील की गई। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए देसाई ने कहा, “मंदिर के पुजारी अर्ध नग्न होते हैं, लेकिन किसी श्रद्धालु ने इस पर आपत्ति नहीं की। बोर्ड को तत्काल हटाया जाना चाहिए वरना हम आकर हटा देंगे।”
उन्होंने कहा कि विभिन्न जातियों, पंथ और धर्म के लोग देश और दुनिया से शिरडी आते हैं। तृप्ति ने कहा, “भारत में संविधान ने अपने नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार दिया है और इस अधिकार के अनुसार क्या बोलना है और क्या पहनना है यह व्यक्तिगत मामला है।”
देसाई का कहना था कि सभी भक्त इस बात से भली भाँति अवगत हैं कि जब वो पूजा स्थल पर जाते हैं तो उन्हें किस तरह का कपड़ा पहनना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी ये निर्णय नहीं ले सकता है कि श्रद्धालु किस तरह के कपड़े पहनेंगे। सभी की आस्था महत्वरूर्ण होती है।
गौरतलब है कि तृप्ति देसाई ने सबरीमाला के देवता स्वामी अय्यप्पा को चुनौती देने और उनके मंदिर के नियम भंग कर प्रवेश करने की कोशिश की, हालाँकि एक साल में दूसरी बार उनके मंसूबे नाकाम हो गए। इसके बाद तृप्ति देसाई कोच्चि हवाई अड्डे से अपने गृह नगर पुणे बैरंग लौट गईं। इसके पहले मंगलवार (26 जुलाई, 2019 को) सुबह वे इस घोषणा के साथ कोच्चि पहुँची थीं कि चाहे सुरक्षा मिले या न मिले, वे मंदिर में घुस कर रहेंगी।