‘जय श्रीराम’ बोलने के लिए कहा, फिर मेरे भाई को मारा: कामिल ने लगाया आरोप, दिल्ली पुलिस ने बताया अफवाह

"भाई से 'जय श्रीराम' बोलने के लिए कहा फिर मारपीट की" (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

दिल्ली निवासी मो. कामिल ने आरोप लगाया कि उसके भाई से सिर्फ इस बात के लिए मारपीट की गई क्योंकि आरोपित उससे ‘जय श्रीराम’ बोलने के लिए दवाब बना रहे थे। इसके बाद हरकत में आई दिल्ली पुलिस ने पीड़ित से पूछताछ की और कहा कि यह मामला दो समुदाय के लड़कों के बीच महज झगड़े का है।

मामला बीती रात दिल्ली के जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे का है। यहाँ दो युवकों के बीच किसी बात को लेकर मारपीट हो गई। घटना के बाद यमुना बाजार निवासी पीड़ित के भाई मोहम्मद कामिल ने आरोप लगाते हुए बताया कि वह अपने छोटे भाई आदिल के साथ बीती रात (23 मई, 2020) को स्कूटी से दवा लेके वापस अपने घर आ रहा था।

तभी जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे स्कूटी का पेट्रोल खत्म हो गया, जिसके बाद आदिल स्कूटी को पैदल ही लेकर जाने लगा। इसी बीच एक दूसरी स्कूटी पर सवार होकर आए युवकों ने आदिल के साथ मारपीट शुरू कर दी।

कामिल का आरोप है कि इस दौरान पार्किंग से 8-10 लड़के और आ गए और उन्होंने आदिल से ‘जय श्री राम’ बोलने के लिए कहा। इसके बाद फिर गंदी-गंदी गालियाँ देते हुए उसके साथ मारपीट की। कामिल के मुताबिक उसके छोटे भाई आदिल के साथ इतनी मारपीट की गई कि उसके सर में गहरी चोट आई है। इसके बाद उसे तत्काल ज़ीटीबी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।

सूचना के बाद दिल्ली पुलिस कामिल के घर पहुँची और उससे पूछताछ करते हुए उसकी शिकायत को दर्ज किया। पुलिस मामले को अभी तक संदिग्ध मान रही है। हालाँकि मामले को लेकर अभी पुलिस जाँच में जुटी हुई है।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक मौजपुर बाबरपुर मेट्रो स्टेशन के पास रात 2 बजे के आसपास अलग-अलग समुदाय के लड़कों के बीच झगड़ा हुआ। दोनों को चोट लगी है। यह आपसी झगड़ा है, लेकिन इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है। सतर्कता बरतते हुए इलाके में पुलिस बल तैनात की गई है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।

इस मामले को लेकर दिल्ली नॉर्थ ईस्ट के डीसीपी को जब हमने कॉल किया, तो जवाब मिला कि इस संबध में जानकारी जाफराबाद थाने से ही मिल सकेगी।

इसके बाद जाफराबाद थानाध्यक्ष राम मेहर सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक झगड़े जैसा कुछ भी नहीं है। यह सब अफवाह है।

लेकिन पीड़ित खास मजहब से हैं, इसलिए पत्रकारिता का गिरोह एक्टिव है। वायर ने पुलिस से बात भी की है, उनका पक्ष भी जाना है लेकिन टाइटल और सब-टाइटल में ये सारी जानकारी छिपाकर टोपी पहने लड़कों के साथ सांप्रदायिक गाली और मारपीट का जिक्र किया है।