हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते अब तक 63 लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा ₹400 करोड़ से ज़्यादा की संपत्ति बर्बाद हो गई। मौसम विभाग ने 7 जुलाई 2025 तक ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
मंडी जिले का थुनाग सबसे ज़्यादा प्रभावित है। यहाँ सड़कें बंद हैं। बिजली और पानी की सप्लाई भी रुक गई है। राज्य आपदा प्रबंधन का कहना है कि नुकसान और बढ़ सकता है और प्राथमिकता बचाव और राहत है।
राहत शिविर लगाए गए हैं। वायु सेना ने खाने के पैकेट गिराए हैं। 150 से ज़्यादा घर और 106 पशुशालाएँ टूट गई हैं। 164 मवेशी भी मारे गए हैं। कुल 402 लोगों को बचाया गया है।
246 सड़कें बंद हैं, जिनमें से ज़्यादातर मंडी में हैं। 404 ट्रांसफार्मर और 784 पानी की स्कीमें भी बाधित हैं। शिमला में भी भूस्खलन हुआ है, पर कोई हताहत नहीं हुआ।
दूरसंचार विभाग ने थुनाग में इमरजेंसी संचार शुरू किया है। पानी की सप्लाई के लिए भी कदम उठाए गए हैं। NDRF और SDRF की टीमें बचाव कार्य में लगी हैं। थुनाग में राशन के पैकेट हवा से गिराए गए हैं।