अफगानिस्तान के खेल निदेशालय ने शतरंज के खिलाफ ये कार्रवाई करते हुए कहा कि चेस को शरिया कानून के अनुसार जुआ माना जाता है और तालिबान शरिया कानून को कड़ाई से पालन करता है।
उन्होंने कहा, “शरिया में शतरंज को जुए का एक तरीका माना जाता है और जुआ अफगानिस्तान में प्रतिबंधित है। इस प्रतिबंध के पीछे धार्मिक चिंता है।” अफगानिस्तान के दूर दराज के इलाकों में शतरंज खेलना लोगों की दिनचर्या में शामिल हैं। अज़ीज़ुल्लाह गुलज़ादा जहाँ कैफ़े चलते हैं, वहाँ सालों से अनौपचारिक तौर पर शतरंज का खेल आयोजित किया जाता है। ऐसे में व्यवसाय पर भी इस प्रतिबंध का असर पड़ सकता है।