Thursday, December 12, 2024

मस्जिद-दरगाह को मंदिर बताने वाली याचिका पर मत करो सुनवाई… AIMPLB गुहार लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुँचा, बोला- देश भर में बन सकती है विस्फोटक स्थिति

देश भर की अलग-अलग मस्जिदों और दरगाहों के पहले मंदिर होने के दावों के बढ़ते मामले देखकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की चिंता बढ़ गई है। उन्होंने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से दखल की माँग की है। बोर्ड ने आग्रह किया है कि वे इस तरह के दावों पर निचली अदालतों में सुनवाई रुकवाएँ।

बोर्ड ने कहा है कि संसद की ओर से पास क़ानून (प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट) को प्रभावी रूप से लागू करना केंद्र और राज्यों की जिम्मेदारी है। ऐसा न होने की सूरत में देश भर में विस्फोटक स्थिति बन सकती है, जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट और केन्द्र सरकार जिम्मेदार होंगे।

AIMPLB के प्रवक्ता सैयद कासिम इलियास ने बयान करके कहा, इस तरह मस्जिद और दरगाहों पर दावे किए जाना कानून और संविधान का खुला मजाक हैं। पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के मद्देनजर इस तरह के दावों का कोई आधार नहीं बनता क्योंकि संसद की ओर से पारित कानून में साफ किया गया है कि 15 अगस्त, 1947 तक किसी भी पूजा स्थल की स्थिति अपरिवर्तित रहेगी और इसे चुनौती नहीं दी जा सकती।