इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 10 वर्ष की सजा पाने वाले एक मुस्लिम को हज पर जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि हज पर जाना किसी का संवैधानिक अधिकार नहीं है। हाई कोर्ट ने कहा कि एक बार सजा पूरी होने के बाद ही कोई व्यक्ति वापस मुक्त किया जा सकता है।
हाई कोर्ट में जाहिद नाम के व्यक्ति ने यह याचिका डाली थी। उसने कहा था कि हज पर जाने कि अनुमति उसे सजा मिलने से पहले दी गई थी। हालाँकि, कोर्ट ने इस दलील को नहीं माना। हाई कोर्ट ने कहा कि अभी उसकी जेल का एक ही महीना पूरा हुआ है और उसे जमानत नहीं मिल सकती।
बहराइच के रहने वाले जाहिद को मार्च, 2025 में 10 वर्ष की सुनाई गई थी। यह मामला गैर इरादतन हत्या का था, जिसमे उसे सजा दी गई थी।