वक़्फ़ संशोधन अधिनियम लोकसभा में बुधवार (2 अप्रैल, 2025) को पेश कर दिया गया है। चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने याद दिलाया कि विपक्ष के कहने पर JPC के पास इस बिल को भेजा गया था, कमिटी ने चर्चा के बाद अपना मत प्रकट किया। इसपर कैबिनेट में चर्चा हुई और कमिटी के सुझावों को स्वीकार किया गया। उन्होंने कहा कि हमारी कमिटियाँ कॉन्ग्रेस जैसी नहीं हैं, ये चर्चा कर के परिवर्तन करती है और परिवर्तन को स्वीकार करती है।
इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि विधेयक में संशोधन को लेकर JPC के अधिकार व्यापक हैं। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में इस बिल को टेबल करते हुए कहा कि जेपीसी में वक़्फ़ बिल पर जितनी चर्चा हुई है वैसी व्यापक चर्चा संसदीय इतिहास में आजतक नहीं हुई।
उन्होंने बताया कि 97,27,772 सुझाव विभिन्न रूपों में सरकार को प्राप्त हुए और सबको देखा गया। उन्होंने जानकारी दी कि किसी भी बिल पर इससे अधिक सुझाव नहीं आए। 284 हितधारकों से इस बिल को लेकर बातचीत की गई और उनके सुझाव लिए गए। उन्होंने एक शेर के साथ अपनी बात को समझाना शुरू किया:
किसी की बात कोई बद-गुमाँ न समझेगा
ज़मीं का दर्द कभी आसमाँ न समझेगा