केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप ने अपने स्कूली पाठ्यक्रम से अरबी और महल भाषा हटा दी हैं। यह निर्णय नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत लिया गया है। अब लक्षद्वीप के स्कूलों में यह भाषाएँ बच्चे नहीं पढ़ेंगे। इनकी जगह पर हिंदी पढ़ाई जाएगी। लक्षद्वीप के मुस्लिम इसका विरोध कर रहे हैं।
अरबी भाषा का प्रभाव लक्षद्वीप में इस्लाम के आगमन के साथ बढ़ा था। यहाँ मजहबी शिक्षा में भी अरबी का इस्तेमाल होता था। वहीं जिस महल भाषा को स्कूली पाठ्यक्रम से हटाया गया हिया, वह मालदीव में बोली जाती है। मालदीव में इस धहेवी भी कहते हैं।
इस फैसले को लेकर केरल की कम्युनिस्ट सरकार मंत्री वी शिवनकुट्टी नाराज हो गए हैं। उन्होंने दावा किया है कि यह फैसला संवैधानिक रूप से गलत है।