उत्तर प्रदेश के संभल में 10 दिसंबर तक बाहरी लोगों के आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह आदेश जिलाधिकारी (डीएम) ने जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि कोई भी बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन या जनप्रतिनिधि बिना अनुमति के जिले में प्रवेश नहीं करेगा।
यह पाबंदी ऐसे समय पर लगाई गई है जब समाजवादी पार्टी (सपा) का प्रतिनिधिमंडल संभल जाने की तैयारी में था। शनिवार (30 नवंबर 2024) को सपा नेता और उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने आरोप लगाया कि उन्हें डीएम ने फोन कर संभल आने से मना कर दिया। उन्होंने कहा, “न्याय आयोग और प्रेस के लोग वहाँ जा रहे हैं, तो हमें क्यों रोका जा रहा है? यह सरकार का सच छिपाने का प्रयास है।”
दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क और अन्य नेताओं को भी पुलिस ने रोक दिया। बर्क ने कहा, “पुलिस जनता के खिलाफ खड़ी है। हम घटना की रिपोर्ट सपा प्रमुख अखिलेश यादव को सौंपना चाहते हैं, लेकिन सरकार पुलिस की करतूतें छिपा रही है।”
#WATCH | Delhi-Ghaziabad Border | Samajwadi Party MP Zia Ur Rehman Barq says, "Unfortunately, the police have stopped us…I condemn it. Who will raise the voice of the public? If the police, administration are standing against the people then it is the responsibility of the… pic.twitter.com/rtFA266kv0
— ANI (@ANI) November 30, 2024
बता दें कि सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क खुद संभल हिंसा में आरोपित है। वहीं, सपा ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए विरोध जताया है और प्रतिनिधिमंडल को संभल जाने की अनुमति देने की माँग की है।