बांग्लादेश के लालमोनीरहाट जिले में रविवार (22 जून 2025) को इस्लामी भीड़ ने 69 साल के हिंदू बुजुर्ग परेश चंद्र शील और उनके 35 साल के बेटे बिष्णु चंद्र शील पर हमला बोल दिया। आरोप था कि परेश ने इस्लाम और पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ ‘अपमानजनक’ टिप्पणी की। दोनों पिता-पुत्र लालमोनीरहाट नगरपालिका के वार्ड नंबर 9 में एक सैलून चलाते हैं।
एक मुस्लिम ग्राहक ने दावा किया कि परेश ने सैलून में ऐसी टिप्पणी की। एक अन्य स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि उसने एक महीने पहले भी परेश को ऐसी बात कहते सुना था। इसके बाद, भीड़ ने सुनियोजित तरीके से सैलून के बाहर जमा होकर दोनों को बेरहमी से पीटा।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में भीड़ को परेश का कुर्ता फाड़ते और उन पर मुक्के बरसाते देखा गया। बिष्णु ने पिता को बचाने की कोशिश की, लेकिन उसे भी पीटा गया।
Islamists beat up elderly Paresh Chandra Shil and his son Bishnu Chandra Shil in the #Goshala market of #Lalmonirhat district of #Bangladesh over fabricated charges of blasphemy
— Vladimir Adityanath (@VladAdiReturns) June 22, 2025
Both of them were arrested by security personnel under@mariawirth1 @VivekGRamaswamy @TulsiGabbard pic.twitter.com/vWzYLbiNTN
हैरानी की बात है कि लालमोनीरहाट सदर पुलिस ने ‘मजहबी भावनाएँ आहत करने’ के आरोप में पीड़ित पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर लिया, जबकि हमलावर भीड़ के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस ओसी नूरनबी मियाँ ने कहा कि कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है।