Friday, February 28, 2025

पाकिस्तान के ‘यूनिवर्सिटी ऑफ जिहाद’ में जुमे की नमाज के दौरान आत्मघाती हमला, मरने वालों में ‘फादर ऑफ तालिबान’ का बेटा भी: आतंकियों का है लॉन्चिंगपैड

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के नौशेरा स्थित अकोरा खट्टक में शुक्रवार (28 फरवरी) को जुमे की नमाज के दौरान दारुल उलूम हक्कानिया मदरसे की मस्जिद में भयानक बम विस्फोट हुआ। इसमें कम-से-कम 5 लोग मारे गए हैं, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। पुलिस ने आत्मघाती हमला होने का संदेह व्यक्त किया है। यह मदरसा पाकिस्तान के सबसे बड़े और पुराने मदरसों में से एक है।

मरने वालों में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-समीउल हक (जेयूआई-एस) के प्रमुख मौलाना हामिद-उल-हक भी शामिल है। पुलिस का कहना है कि हामिद को ही निशाना बनाकर हमला किया गया था। हालाँकि, अभी तक किसी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है। हामिद के अब्बू का नाम समीउल हक था, जिसे ‘तालिबान का जनक’ कहा जाता है। समीउल का पाकिस्तान और अफगान तालिबान में गहरा प्रभाव था।

साल 2018 में समीउल हक की 82 साल की उम्र में हत्या कर दी गई। एक अज्ञात व्यक्ति ने समीउल के घर में घुसकर गोली मार दी थी। अपने अब्बू की हत्या के बाद हामिद ने JUI-S की कमान कमान सँभाली थी। JUI-S से जुड़ा यह मदरसा तालिबान का थिंक टैंक है। 1990 के दशक में तालिबान के लिए लांचिंग पैड था और आज भी इसे अक्सर इस्लामी आतंकवादियों का इनक्यूबेटर कहा जाता है।

इस मदरसे को ‘यूनिवर्सिटी ऑफ जिहाद’ भी कहा जाता है। इसकी स्थापना सितंबर 1947 में मौलाना अब्दुल हक हक्कानी ने की थी। इस मदरसे के छात्रों पर प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या का आरोप लगा था। तब इस मदरसे की भी जाँच भी की गई थी, लेकिन इसके प्रभाव के कारण यह बच गया। हालाँकि, मदरसे ने मामले में पकड़े गए आरोपितों से किसी भी प्रकार का संंबंध होने से इनकार किया था।