जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई 14 मई 2025 को देश के 52वें सीजेआई बन गए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। पद ग्रहण करते ही उन्होने अपनी माँ कमलताई गवई के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बनने पर माँ ने कहा कि उनका बेटा डेयरडेविल है। वो किसी के आगे नहीं झुकता है।
इससे पहले 30 अप्रैल 2025 को कानून मंत्रालय ने जस्टिस गवई की भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति की अधिसूचना जारी की थी। तत्कालीन सीजेआई संजीव खन्ना ने केंद्र सरकार से उनके नाम की सिफारिश की थी। जस्टिस गवई का कार्यकाल छह महीने का होगा। वो 23 दिसंबर 2025 को सेवानिवृत्त होंगे।
न्यायाधीश के तौर पर उन्होने कई अहम फैसले दिये जिसकी चर्चा काफी हुई। उन्होने अनुच्छेद 370 को रद्द करने, बुलडोजर, अनुसूचित जाति कोटे में उप-वर्गीकरण को बरकरार रखना, शराब नीति मामले में के कविता को बेल जैसे केस शामिल हैं।