रेप के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के बयान ‘स्तन दबाना, रेप नहीं’ पर विवाद बढ़ गया है। इस फैसले को केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने सरासर गलत बताया है। दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी इस फैसले पर हैरानी जताई है।
अन्नपूर्णा देवी ने इस आदेश पर सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप की माँग की। उन्होंने कहा, “ये निर्णय कहीं से भी उचित नहीं है, इसकी सभ्य समाज में कोई जगह नहीं है। इसका बहुत गलत प्रभाव पड़ेगा। हमें लगता है कि इस पर माननीय उच्चतम न्यायालय को इस पर संज्ञान लेना चाहिए।”
#WATCH | Delhi: On Allahabad HC's observation that "Holding breast, breaking pyjama's string is not a crime of rape", Annapurna Devi, Union Minister of Women and Child Development, says, "This decision is not right and has no place in a civilised society and it will have a wrong… pic.twitter.com/oBShKMTE3X
— ANI (@ANI) March 21, 2025
इस मामले में स्वाति मालीवाल ने भी सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की माँग की है। उन्होंने कहा कि मुझे इस फैसले के पीछे का तर्क समझ में नहीं आता।
बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नाबालिग से बलात्कार मामले में कहा था कि किसी लड़की के स्तन को पकड़ना, उसके पायजामे के नाड़े को तोड़ना और उसे पुलिया के नीचे खींचना… रेप या रेप के प्रयास वाले अपराध में नहीं आता है।