प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (6 जून 2025) को जम्मू-कश्मीर के उधमपुर श्रीनगर बारामुल्ला रेल लिंक, (USBRL) परियोजना के तहत निर्मित ऐतिहासिक चिनाब ब्रिज का उद्घाटन किया। इस इंजीनियरिंग चमत्कार में आईआईएससी बैंगलोर की प्रोफेसर माधवी लता और उनकी टीम की अहम भूमिका रही। उन्होंने ढलानों की स्थिरता, नींव का डिजाइन और रॉक एंकर जैसे सिस्टम तैयार किए।
आईआईएससी बैंगलोर ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि आज माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए गए चेनाब ब्रिज में प्रोफेसर माधवी लता और उनकी टीम के योगदान पर गर्व है। टीम ने ढलानों की स्थिरता, नींव के डिजाइन और निर्माण, और खतरों का सामना करने के लिए रॉक एंकर सहित ढलान स्थिरीकरण प्रणालियों के डिजाइन पर काम किया।
We are proud of Prof Madhavi Latha & her team's contribution to the #ChenabBridge inaugurated by Hon'ble PM Narendra Modi🎉
— IISc Bangalore (@iiscbangalore) June 6, 2025
The team worked on stability of slopes, design & construction of foundations, design of slope stabilisation systems incl. rock anchors to withstand hazards. pic.twitter.com/BApCSJTRZX
चिनाब नदी पर बना यह ब्रिज इंजीनियरिंग का एक अद्भुत चमत्कार है। यह दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे आर्च ब्रिज है, जिसकी ऊँचाई 359 मीटर है जो एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊँचा है। लगभग 1.3 किलोमीटर लंबे इस पुल के निर्माण में 600 किलोमीटर स्टील वेल्डिंग का उपयोग हुआ है, जो जम्मू से दिल्ली तक की रेलवे लाइन से भी अधिक है। इस पुल को कठिन और खतरनाक भौगोलिक परिस्थितियों में बनाया गया है।