गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय के इन प्रोफेसरों ने दोनों एफआईआर को रद्द करने की माँग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।। इस याचिका को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है।
एफआईआर को रद्द करने की माँग करने वाली एक याचिका प्रोफेसर दिलीप झा ने दायर की थी, जिन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। हालाँकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी। दूसरी याचिका छह सहायक प्रोफेसरों द्वारा दायर की गई थी। इन लोगों को इस मामले में आरोपित के रूप में नामित किया गया था।
आरोपित प्रोफेसरों का कहना है कि शिविर में डेढ़ सौ से अधिक छात्रों ने भाग लिया था, लेकिन केवल तीन ने ही एफआईआर दर्ज कराई, जो कि झूठी है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति राकेश मोहन पांडे ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि जाँच के दौरान एफआईआर के आरोपों की सत्यता पर टिप्पणी नहीं की जा सकती। पुलिस को गहनता से जाँच करने दिया जाना चाहिए।