अमेरिका के टेक्सास स्थित एक बायोटेक कंपनी ‘कोलॉसल बायोसाइंसेज’ ने यह दावा किया है कि वे जेनेटिक इंजीनियरिंग के जरिए डायर वुल्फ (भेड़ियों की एक किस्म) को दोबारा दुनिया में लेकर आए है।
कोलॉसेल के अनुसार, ग्रे वुल्फ के DNA को उन्होंने CRISPR तकनीक से एडिट किया। इससे डायरवुल्फ के दो नर बच्चों, रोमुलस और रेमस, का जन्म 1 अक्टूबर 2024 को हुआ। तीसरी वुल्फ खलीसी का जन्म 31 जनवरी, 2025 में हुआ है। गौरतलब है कि डायरवुल्फ 10 हजार से भी अधिक वर्षों से विलुप्त हैं। ऐसे में इनका फिर से धरती पर आना जेनेटिक इंजीनियरिंग और डी-एक्टिंक्शन तकनीक के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
SOUND ON. You’re hearing the first howl of a dire wolf in over 10,000 years. Meet Romulus and Remus—the world’s first de-extinct animals, born on October 1, 2024.
— Colossal Biosciences® (@colossal) April 7, 2025
The dire wolf has been extinct for over 10,000 years. These two wolves were brought back from extinction using… pic.twitter.com/wY4rdOVFRH
डायरवुल्फ की प्रजाति को HBO की मशहूर सीरीज ‘गेम ऑफ थ्रोन्स’ में दिखाया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी का दावा है कि आनुवंशिक प्रणाली में बदलाव के बाद जन्मे इन वुल्फ में हिमयुग के प्रीडेटर एनोसायन डिरस के विशेष गुण मौजूद हैं।
डायरवुल्फ के जीनोम का पुनर्निर्माण 11,500 वर्ष और 72,000 वर्ष पुराने जीवाश्म से मिले डीएनए से किया गया है। ये वुल्फ असल में पूरी तरह से डायरवुल्फ न होकर ग्रे वुल्फ हैं, जिनके डीएनए में कुछ डायर वुल्फ के जीन मिलाए गए हैं। कंपनी अन्य कई विलुप्त जीवों जैसे टस्मेनियन टाइगर, डोडो पक्षी और वूली मैमथ आदि को भी दुनिया में वापस लाने की कोशिश में लगी है।