‘राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद’ (NCERT) ने 2 साल पहले अंग्रेजी माध्यम की कक्षा 2, 3 और 6 की अंग्रेजी की किताबों के नाम बदल दिए। ये नाम भारतीय शास्त्रीय संगीत और राग के नाम पर रखे गए हैं। अब इन्हें लेकर दक्षिणी राज्यों में विरोध शुरू हो गया है।
NCERT के कक्षा 1 की अंग्रेजी की पुस्तक का नाम रोमन अंग्रेजी में ‘मृदंग’, कक्षा 3 की किताब का नाम ‘संतूर’ रखा गया है। ये वाद्य यंत्रों के नाम हैं। वहीं, कक्षा 6 की किताब का नाम Honeysuckle (हनीसकल) से बदलकर पूर्वी रख दिया है। ये एक हिंदी शब्द के साथ शास्त्रीय संगीत के राग का नाम है। कक्षा 6 की गणित की किताब का भी नाम मैथमेटिक्स (गणित) से बदलकर दोनों भाषाओं में गणित प्रकाश रखा गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, किताबों के हिंदी नामों को लेकर तमिलनाडु और केरल में विरोध शुरू हो गया है। इन राज्यों में इसे भाषा की विविधता के खिलाफ और ‘हिंदी थोपने’ जैसे आरोप लगाए जा रहे हैं। तमिलनाडु में इसका विरोध कुछ राजनीतिक कारणों से भी किया जा रहा है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का कहना है कि ये राज्य में हिंदी थोपने की कोशिश है। इससे तमिल विरासत को खतरा है।
NCERT का कहना है कि ये नाम नई शिक्षा नीति (NEP-2020) और नेशनल करिकुलम फ्रेम (NCF-2023) के तहत दो वर्ष पहले ही बदले गए हैं। तब इसे लेकर किसी तरह का विरोध सामने नहीं आया। पाठ्यपुस्तकों के नाम ‘मृदंग’, ‘पूर्वी’, ‘संतूर’, ‘वीणा’ आदि देश की साझा संस्कृति, एकजुटता और विरासत को दर्शाते हैं। इस तरह का विरोध अनावश्यक है।