प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार (25 फरवरी) को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कॉन्ग्रेस के प्रदेश कार्यालय राजीव भवन जाकर एक समन दिया। इसमें सुकमा-कोंटा में बने कॉन्ग्रेस कार्यालय भवन को लेकर 27 फरवरी तक जवाब माँगा गया है। ED ने पूछा है कि भवन के लिए फंड कहाँ से आया? निर्माण कब शुरू हुआ और इसका ठेकेदार कौन है? इसके साथ ही इसका पूरा वित्तीय ब्योरा भी माँगा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अगर इसको लेकर संतोषजनक जानकारी नहीं मिलती है तो राजीव भवन और कवासी लखमा के बेटे हरीश लखमा के मकान को कुर्क किया जा सकता है। यह पूरा मामला पूर्व मंत्री कवासी लखमा और शराब घोटाले से जुड़ा हुआ है। बता दें कि ED ने पूर्व आबकारी मंत्री लखमा के रायपुर के धर्मपुरा स्थित बंगले पर 28 दिसंबर को छापेमारी की थी और गहन तलाशी ली थी।
उस दौरान लखमा के करीबी सुशील ओझा, हरीश लखमा और राजेश साहू के मकान की भी तलाशी ली गई थी। इसके बाद ED ने कवासी लखमा से दो बार 8-8 घंटे तक पूछताछ की थी। आखिरकार उन्हें 15 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया था। घोटाले को लेकर लखमा ने कहा था, “मैं अनपढ़ हूँ। अधिकारी जहाँ कहते थे, मैं साइन कर देता था। मुझे नहीं पता कि घोटाला हुआ है या नहीं।”