अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर एक्शन को असंवैधानिक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आजकल कार्यपालिका न्यायपालिका की भूमिका में आ गई है। कोर्ट ने कहा कि सिर्फ आरोप के आधार पर किसी का घर गिरा देना संवैधानिक कानून और शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत का उल्लंघन है। कोर्ट ने किसी अपराधी के घर या संपत्ति को गिराने को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर गाइडलाइन बनाने की जरूरत बताई।
Supreme Court says it has dealt with the separation of powers as well as how executive and judicial wings work in their respective spheres. Adjudicatory functions are entrusted to the judiciary and the executive cannot replace the judiciary in performing its core function, says…
— ANI (@ANI) November 13, 2024
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि बिना मुकदमा चलाए किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। अवैध निर्माण गिराए जाने को लेकर पीठ ने कहा कि इसे धर्म या आस्था देखकर नहीं किया जाना चाहिए और इस पर समान रूप से लागू होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि विशेष धर्म के लिए विशेष कानून नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि बुलडोजर कार्रवाई करने वाले अधिकारियों को दंडित किया जाना चाहिए।