दरअसल, मोहम्मद फजल अब्दुल अजीज शेख पर संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने का शक था। इसी संबंध में 02 मई 2025 को SOG ने मौलाना को धारी थाने ले जाकर पूछताछ की। सामने आया कि वह मूलरूप से अहमदाबाद के जुहापुरा का निवासी है। पुलिस ने उसका मोबाइल फोन जब्त कर जाँच शुरु की। फोन में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के 7 व्हाट्सएप ग्रुप मिले। सभी ग्रुप का प्रबंधन पाकिस्तान से हो रहा था।
प्रांत अधिकारी हर्षवर्धन सिंह जडेजा ने बताया कि मौलाना की गिरफ्तारी के बाद राजस्व विभाग को जाँच सौंपी गई थी। जाँच में सामने आया कि मौलाना का धारी इलाके में मौजूद मदरसे का गरीब लाभार्थियों को आवंटित किया गया था।
उन्होंने आगे कहा पता चला है कि लाभार्थी ने प्लॉट दान कर दिया या बेच दिया था। इसलिए, लेन कमेटी के अनुसार, शर्तों का उल्लंघन होने से यह भूखंड सरकार ने अधिग्रहित कर लिया और मदरसा को ध्वस्त कर दिया।