OpIndia is hiring! click to know more
Wednesday, April 16, 2025

हिन्दू माँ की सहमति के बिना करवाया बच्चों का इस्लाम में धर्मांतरण, कोर्ट ने किया रद्द: मलेशिया का मामला

मुस्लिम बहुल देश मलेशिया में एक ऐतिहासिक फैसले में अदालत ने यह साफ कर दिया कि किसी भी बच्चे का धर्मांतरण उसके माता-पिता की सहमति के बिना नहीं किया जा सकता। यह मामला पर्लिस राज्य का है, जहाँ एक हिंदू महिला लोह सिउ होंग ने अपने तीन बच्चों की कस्टडी और उनके धर्मांतरण को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

महिला की  जानकारी और सहमति के बिना उनके बच्चों को इस्लाम धर्म में परिवर्तित कर दिया गया था। इस पर माँ ने आपत्ति जताई और कहा कि यह न केवल अनुचित है, बल्कि असंवैधानिक भी।

लोह सिउ होंग ने यह केस 2016 में दायर किया था। लेकिन 2022 में उच्च न्यायालय ने सरकार की याचिका के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसके बाद माँ ने इसे अदालत में चुनौती दी, जिसने उनके पक्ष में फैसला दिया और धर्मांतरण को अमान्य घोषित किया। 

हालाँकि, राज्य सरकार फैसले के खिलाफ संघीय न्यायालय में गई, लेकिन वहाँ भी उसकी दलीलें खारिज हो गईं। पर्लिस सरकार ने अक्टूबर 2024 में नियम 137 के तहत समीक्षा याचिका दायर की। 

लेकिन 9 अप्रैल 2025 को संघीय अदालत ने उसे भी खारिज करते हुए कहा कि बच्चों का धर्मांतरण बिना माँ की सहमति के हुआ था, जो पूरी तरह से असंवैधानिक है।